उत्तर प्रदेश एसटीएफ (Uttar Pradesh STF) ने सोमवार (12 फरवरी) को हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certification) की आड़ में पैसे लेने के आरोप (Allegations) में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया (Halal Council of India) मुंबई के अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष सहित चार पदाधिकारियों (Officials) को गिरफ्तार (Arrested) किया। आरोपियों के नाम मौलाना मुदस्सिर, हबीब यूसुफ पटेल, मोहम्मद अनवर खान और मोहम्मद ताहिर हैं। (UP STF Halal Council)
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने पिछले साल नवंबर में राज्य में “हलाल प्रमाणित उत्पादों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और वितरण” पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध के बाद, हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अनावश्यक धन उगाही, धर्म के नाम पर शत्रुता भड़काने और विभिन्न राष्ट्र-विरोधी फंडिंग में शामिल कुछ संगठनों, उत्पादन कंपनियों, उनके मालिकों और प्रबंधकों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ लखनऊ में मामला दर्ज किया गया था।
Zero Tolerance Against Fraudsters –
अवैध रूप से हलाल प्रमाण पत्र जारी कर विभिन्न कंपनियों से अवैध वसूली करने वाली संस्था “हलाल काउंसिल ऑफ़ इंडिया” के 04 सदस्यों को @uppstf द्वारा गिरफ्तार किया गया है।#WellDoneSTF #GoodWorkUPP pic.twitter.com/AGxFd97OnE
— UP POLICE (@Uppolice) February 12, 2024
उत्तर प्रदेश एसटीएफ की कार्रवाई
यूपी एसटीएफ ने अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट जारी करने और विभिन्न कंपनियों से पैसे वसूलने वाली संस्था हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यूपी एसटीएफ को हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर जबरन वसूली की सूचना मिली थी। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना हबीब यूसुफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुइदशिर सपडीहा, महासचिव मुफ्ती ताहिर जाकिर और कोषाध्यक्ष मोहम्मद अनवर खान को गिरफ्तार कर लिया है।
दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने हलाल इंडिया और जमीयत उलेमा-ए-महाराष्ट्र के पदाधिकारियों को दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने जमीयत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के प्रमुख महमूद मदनी और अन्य अधिकारियों को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण दिया था।
एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
प्रतिबंध अधिसूचना और एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इससे पहले जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलम-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट महाराष्ट्र द्वारा दायर दो याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था।
UP STF ने अवैध रूप से हलाल प्रमाण पत्र जारी कर विभिन्न कम्पनियों से अवैध वसूली करने वाली संस्था हलाल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के 4 सदस्य को किया गिरफ़्तार,
जाँच मे पता चला है की काउंसिल प्रति certificate 10 हज़ार रूपए वसूलती थी और उसे ये करने का क़ोई अधिकार भी नहीं था। pic.twitter.com/IcENWHvwmn— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) February 13, 2024
मनमाने और अवास्तविक वर्गीकरण पर आधारित
याचिका में कहा गया कि अधिसूचना “मनमाने और अनुचित वर्गीकरण पर आधारित” है और “सार्वजनिक स्वास्थ्य” के दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणित उत्पादों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और वितरण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह अधिसूचना स्पष्ट रूप से मनमानी है, क्योंकि इसमें केवल हलाल प्रमाणीकरण को शामिल नहीं किया गया है, जबकि जैन, सात्विक और कोषेर जैसे अन्य प्रमाणपत्र भी इस अधिसूचना के दायरे में शामिल नहीं हैं।
परिषद को प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं
इनके पास से 4 आधार कार्ड, 4 पैन कार्ड, 3 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड, 21,820 रुपये नकद, तीन ड्राइविंग लाइसेंस, एक आरसी और 2 वोटर कार्ड भी बरामद किए गए हैं। जांच में पता चला कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया प्रति सर्टिफिकेट 10 हजार रुपये वसूलती थी। परिषद को प्रमाण पत्र जारी करने का भी अधिकार नहीं था।
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