Swami Govind Dev Giri Maharaj: आज के तनावपूर्ण, प्रतिस्पर्धी युग में हर कोई अपने काम में व्यस्त है। ऐसे समय में संतों और महंतों के सानिध्य में कुछ समय बिताने से एक अलग ही अनुभूति होती है और आगे के काम तथा सेवा के लिए नई ऊर्जा और ताकत मिलती है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह उद्गार स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज को लेकर व्यक्त किया।
चिलचिलाती धूप में बरगद की छाया
गोविंद देव गिरी महाराज के अमृत महोत्सव के अवसर पर बुधवार 14 फरवरी को स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में एकनाथ शिंदे ने उन्हें सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। “इस महान तपस्वी का जीवन, जिन्होंने अपने धर्म के लिए अपना जीवन को समर्पित कर दिया, बरगद के पेड़ की तरह है, जो हमें चिलचिलाती धूप में छाया देता है। आज सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा है, कोई अपवाद नहीं है। ऐसे में स्वामीजी जैसा व्यक्ति ही एकमात्र सहारा होता है और वही हमें इस भवसागर से बाहर निकालता है। तभी हम जनता की सच्ची सेवा कर सकते हैं। इस अवसर पर शिंदे ने कहा कि सेवा का अवसर पाकर हम समाज, राज्य, देश को और अधिक दे सकते हैं, यह भावना स्वामी से मिलने के बाद स्वतः ही उत्पन्न हो जाती है।”
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मोदी है तो मुमकिन हैः सीएम शिंदे
सीएम शिंदे ने कहा, ”अयोध्या में राम मंदिर शिवसेना प्रमुख बालसाहेब ठाकरे के साथ-साथ करोड़ों हिंदुओं का सपना था। पहले भी अयोध्या जाकर हमें एक अलग अनुभूति महसूस हुई। सभी को भगवान रामचन्द्र की उपस्थिति का अहसास हुआ। श्री रामलला छोटी सी जगह में स्थापित थे। और आज का भव्य मंदिर एक स्वप्न पूरा होने जैसा लगता है। कुछ लोग कह रहे थे ‘मंदिर वहीं बनाएंगे तारीख नहीं पगेंगे’, ‘पहले मंदिर फिर सरकार’,’ लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीख भी बता दी, मंदिर बनाया और उद्घाटन भी किया। किसने सोचा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हट जाएगा? लेकिन वह असंभव कार्य मोदी जी के मार्गदर्शन में हमारे कर्मठ गृह मंत्री अमित शाह ने कर दिखाया। हम भाग्यशाली हैं कि अबू-धाबी में हिंदू मंदिर खड़ा है। अब दुनिया भर में ऐसे ही मंदिर खड़े होंगे, शुरुआत हो गई है। मोदी है तो मुमकिन है।”