INSAT-3DS Launch: 17 फरवरी के शाम लॉन्च होगा मौसम संबंधी उपग्रह इन्सैट-3डीएस, सभी तैयारियां पूरी

17 फरवरी (शनिवार) को असम में मीडियाकर्मियों से बातचीत में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष में पहले से दो उपग्रह काम कर रहे हैं, जो चक्रवात के बारे में चेतावनी देते हैं। उसी श्रृंखला में यह उपग्रह है जो चक्रवात चेतावनी, बारिश पूर्वानुमान, जलवायु और मौसम की सटीक जानकारी देने में मददगार होगा।

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INSAT-3DS Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) (इसरो) सटीक मौसम पूर्वानुमान (Weather Forecast) और प्राकृतिक आपदा चेतावनियों के उद्देश्य से 17 फरवरी (शनिवार) शाम 5.30 बजे अंतरिक्ष यान जीएसएलवी एफ14 (GSLV F14) पर अपने मौसम संबंधी उपग्रह इन्सैट-3डीएस (INSAT-3DS) को लॉन्च करेगा। इसरो की तरफ से लॉन्चिंग को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

17 फरवरी (शनिवार) को असम में मीडियाकर्मियों से बातचीत में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष में पहले से दो उपग्रह काम कर रहे हैं, जो चक्रवात के बारे में चेतावनी देते हैं। उसी श्रृंखला में यह उपग्रह है जो चक्रवात चेतावनी, बारिश पूर्वानुमान, जलवायु और मौसम की सटीक जानकारी देने में मददगार होगा।

जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में होगा तैनात
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से जीएसएलवी एफ14 के माध्यम से इन्सैट3डीएस उड़ान भरेगा। उड़ान भरने के लगभग 20 मिनट बाद जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में तैनात होगा। यह रॉकेट का 16वां मिशन होगा। उल्लेखनीय है कि इनसैट-3 डीएस उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान उपग्रह का अनुवर्ती मिशन है और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है।

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इन्सैट3डीएस लॉन्च से पहले इसरो अध्यक्ष ने की प्रार्थना
लॉन्च से कुछ घंटे पहले, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने आंध्र प्रदेश के सुल्लुरपेट में श्री चेंगलम्मा मंदिर में पूजा की। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा, “हमने आज मौसम जलवायु अध्ययन के लिए मौसम संबंधी उपग्रह-इनसैट-3डीएस ले जाने वाले जीएसएलवी रॉकेट का प्रक्षेपण किया है। यह उपग्रह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के लिए बनाया गया है। यह उपग्रहों की इनसैट श्रृंखला में तीसरा उपग्रह है।”

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