म्यांमार में सेना और जनता के बीच आर पार की लड़ाई जारी है। 28 मार्च को यहां बड़ी संख्या में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। 27 मार्च से 28 मार्च की शाम तक ये प्रदर्शनकारी सेना के साथ हुई झड़प में मारे गए थे। 28 मार्च को भी म्यांमार के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों पर सेना की ओर से गोलीबारी की गई।
यांगून, मीकिटीला, मोनीवा और मंडाले समेत कई शहरों में अंतिम संस्कार से पहले लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की शव यात्राएं निकाली गईं।
अब तक 450 से अधिक लोग मारे गए
बता दें कि 1 फरवरी को तख्तापलट के बाद से विरोध प्रदर्शन के दौरान सेना की गोलीबारी में 450 से अधिक लोग मारे गए हैं। 27 मार्च को कुल 114 लोग मारे गए। इसके बावजूद प्रदर्शकारी मानने को तैयार नहीं हैं। वे जान पर खेलकर भी सैन्य प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं। इस क्रम में 28 मार्च को भी देश के कई शहरों में प्रदर्शन किया गया। बताया जा रहा है कि वे आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं।
Khine Zar Thwe from South Dagon, Yangon, who was shot in the head by the coup regime’s gunmen this afternoon (Mar 28), has died. She is scheduled to be buried on Mar 30, when she will turn 26. One other protester is critically injured, witnesses said. #WhatsHappeningInMyanmar pic.twitter.com/ghWjnv1GCl
— Myanmar Now (@Myanmar_Now_Eng) March 28, 2021
प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड हमला
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हालैंग टाउनशिप के पास सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके। हालांकि इसमें किसी की मौत की खबर नहीं है।
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12 देशों ने की निंदा
इस बीच 12 देशों के रक्षा प्रमुखों ने सेना की ओर से की जा रही हिंसा की निंदा की है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, डेनमार्क आदि देश शामिल हैं। इन देशों ने म्यांमार सैन्य प्रशासन से तत्काल हिंसा रोकने को कहा है। अमेरिका औ यूरोपियन संघ ने म्यांमार की सेना से जुड़ी कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।