किसान (Farmers) एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन (Movement) कर रहे हैं। दिल्ली (Delhi) की ओर मार्च करने जा रहे किसानों को पंजाब-हरियाणा सीमा (Punjab-Haryana Border) पर रोक दिया गया है, जहां किसान डेरा डाले हुए हैं। किसानों (Farmers) और सरकार के बीच तीन दौर की बैठक हुई। हालांकि, इन बैठकों में कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद रविवार (18 फरवरी) किसानों और केंद्रीय मंत्री (Union Minister) के बीच एक बार फिर चौथे दौर की बातचीत होगी। ऐसे में उम्मीद है कि इस बैठक में कोई समाधान निकलेगा।
इससे पहले, किसान नेताओं और सरकार के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को बैठकें हुईं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग पर अड़े रहे। सरकार ने किसानों की 10 मांगें मान ली हैं। मामला तीन मांगों पर अटका हुआ है। यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून, किसान कर्ज माफी और 60 साल से ऊपर के किसानों के लिए पेंशन पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
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सरकार जल्द ही समाधान निकालेगी
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी उम्मीद जताई है कि आज किसान संगठनों के साथ बैठक में कोई समाधान निकलेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि वह जल्द ही इसका समाधान निकालेंगे। ऐसे में यह भी चर्चा है कि केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी पर एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है। लेकिन क्या इसे माना जाएगा या नहीं और क्या किसान दिल्ली कूच पर कायम रहेंगे या फिर घर लौट जाएंगे? इन सवालों का जवाब आज की बैठक के बाद ही मिलेगा।
सकारात्मक सोच के साथ बैठक में जाएंगे: किसान नेता
किसानों की ओर से चौथे दौर में शामिल हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम सकारात्मक सोच के साथ बैठक में जाएंगे। हम चाहते हैं कि सरकार सकारात्मक रहे और इस बैठक से कुछ निकले। हम चाहते हैं कि सरकार इस समस्या का समाधान करे। हम चाहते हैं कि सरकार एमएसपी खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाए। अब सरकार को तय करना है कि इसे कैसे करना है। बैठक में सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए। उसके बाद हम जीत का नारा लगाते हुए घर जाना चाहते हैं।
हरियाणा पुलिस के भ्रम फैलाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि किसान संयम बरत रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस हमारे साथ है, आम आदमी पार्टी हमारे साथ है और सहयोग कर रही हैह। में शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है।’ अर्धसैनिक बलों को हमारे भरोसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
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