Disproportionate Assets Case: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) की डिवीजन बेंच झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के प्रमुख और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन (Shibu Soren) के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकपाल के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करने के सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर 20 फरवरी को सुनवाई करेगा। जस्टिस रेखा पल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद (Subramaniam Prasad) की सिंगल बेंच ने 22 जनवरी को शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि याचिका प्री-मैच्योर है। सिंगल बेंच ने कहा था कि लोकपाल ने अभी कोई अंतिम आदेश नहीं दिया है, ऐसे में उसके अंतरिम फैसले पर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं बनता है। सिंगल बेंच के फैसले को शिबू सोरेन ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी है।
Volvo Bus Price: लग्जरी बसों की लिस्ट में शामिल वॉल्वो, जानें कितनी महंगी है बस
लोकपाल के कार्रवाई को चुनौती
सिंगल बेंच के समक्ष शिबू सोरेन ने लोकपाल के समक्ष चल रही कार्रवाई को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की जा सकती है, क्योंकि शिकायतकर्ता ने घटना के सात साल बाद शिकायत की है। याचिका में कहा गया था कि लोकपाल एंड लोकायुक्त एक्ट की धारा 53 के तहत इस मामले में शिकायत करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है।
IPC 498A: जानिए क्या है आईपीसी धारा 498A, कब होता है लागू और क्या है सजा
सीबीआई कर रही है जांच
याचिका में कहा गया था कि 5 अगस्त, 2020 को लोकपाल के समक्ष शिबू सोरेन, उनकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। फरवरी, 2022 तक सोरेन को शिकायत की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई। सितंबर, 2020 में सीबीआई को इस मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने दस साल में आय से काफी अधिक मात्रा में संपत्ति हासिल की। संपत्ति न केवल अपने नाम पर बल्कि अपने परिवार के दूसरे सदस्यों और कंपनियों के नाम पर की गई। लोकपाल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत की थी, जिसके आधार पर लोकपाल ने शिबू सोरेन को नोटिस जारी किया था।