मराठा समुदाय (Maratha Community) को आरक्षण (Reservation) देने के लिए मंगलवार (20 फरवरी) को विशेष सत्र (Special Session) आयोजित किया जा रहा है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (Backward Classes Commission) द्वारा राज्य में कराये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) मात्र दस दिनों की अवधि में पेश करेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर यह सिफारिश की जाएगी कि मराठा समुदाय को सामाजिक और शैवाही शुरू होने से पहले कैबिनेट बैठक में पेश की जाएगी और कैबिनेट मराठा समुदाय को कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाए इसकी सिफारिश करेगी, इससे पहले गायकवाड़ आयोग ने शिक्षा में 12 फीसदी और सरकारी सेवाओं में 13 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की थी।
राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण देने के लिए अहम कदम उठाया है, वहीं दूसरी ओर मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने सभी मराठों को कुनबी बनाने और ओबीसी समुदाय से आरक्षण दिलाने की लड़ाई शुरू कर दी है। ऐसे में राज्य सरकार को आज सदन में मराठा बनाम ओबीसी टकराव का सामना करना पड़ सकता है।
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सत्र की शुरुआत में राज्यपाल रमेश बैस का अभिभाषण
नए साल का यह पहला सत्र होने के कारण सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण से होगी। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आज सदन में पेश की जाएगी। इससे पहले गायकवाड़ आयोग की रिपोर्ट को उसकी सिफारिशों के साथ दोनों सदनों ने पूरी तरह से स्वीकार कर लिया था। आज सौंपी जाने वाली शुक्रे कमेटी की रिपोर्ट को भी समर्थन मिलने की संभावना है।
मराठा विधायकों को सर्वसम्मति से समर्थन देना चाहिए: मनोज जारांगे
मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने सोमवार को सभी मराठा विधायकों से सर्वसम्मति से आरक्षण का समर्थन करने की अपील की। यदि समाज के विधायक आरक्षण को लेकर आवाज नहीं उठाएंगे तो समझा जान जाएगा कि वे मराठा विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि आरक्षण में रिश्तेदारों का जिक्र होना चाहिए। अगर इस पर अमल नहीं हुआ तो हम 21 फरवरी से नये तरीके से आंदोलन शुरू करेंगे।
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