SSC Corruption Case: ईडी ने पार्थ चटर्जी के रिश्तेदार बिचौलिए प्रसन्न राय को किया गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला?

ईडी सूत्रों के अनुसार, जनवरी में प्रसन्ना के फ्लैट और ऑफिस समेत कुल सात जगहों की तलाशी में कई दस्तावेज बरामद हुए थे। उस दस्तावेज के आधार पर, उसे सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बुलाया गया था।

192

बिचौलिया प्रसन्ना रॉय (Bichauliya Prasanna Roy) को एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले (SSC Recruitment Corruption Case) में ईडी (ED) ने सोमवार रात गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। इस मामले में ईडी की यह पहली गिरफ्तारी है। प्रसन्ना को पहले एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार में उसकी कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई (CBI) ने पहले गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल जमानत पर बाहर था। (SSC Corruption Case)

ईडी सूत्रों के अनुसार, जनवरी में प्रसन्ना के फ्लैट और ऑफिस समेत कुल सात जगहों की तलाशी में कई दस्तावेज बरामद हुए थे। उस दस्तावेज के आधार पर, उसे सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बुलाया गया था। लेकिन उस वक्त उसने कहा कि वह नहीं जा सकते। ईडी ने उसे सोमवार को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया था। उससे दिनभर पूछताछ हुई। ईडी अधिकारियों ने बताया है कि वह जांच अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

यह भी पढ़ें- Farmers Protest: दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, केंद्र सरकार और किसानों के बीच कैसी रही बातचीत?

भ्रष्टाचार से अर्जित धन से संपत्ति
ईडी और सीबीआई सूत्रों के अनुसार, प्रसन्ना के नाम कम से कम 80 कंपनियां हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी और उनके पास अकूत संपत्ति है। उसके पास बिधाननगर, न्यू टाउन और शहर के अन्य हिस्सों में कई संपत्ति है। ईडी अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार से हासिल हुई राशि के जरिए ही उसने बड़ी संपत्ति खड़ी की है।

प्रसन्ना को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था
एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में प्रसन्ना पर आरोप था कि वह सलाहकार समिति के पूर्व प्रमुख शांतिप्रसाद सिन्हा का करीबी था। वह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के भी संपर्क में था। उसके घर की तलाशी के दौरान अधिकारियों को भाजपा नेता और सांसद दिलीप घोष के घर के दस्तावेज की एक फोटोकॉपी भी मिली थी। भर्ती भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों की जांच के दौरान सीबीआई को प्रसन्ना का नाम मिला। बाद में प्रसन्ना को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि चार्ज शीट में उसका नाम केंद्रीय एजेंसी ने नहीं दी थी। आरोप पत्र जारी होने के बाद एक निश्चित अवधि के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होने पर प्रसन्ना ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उसे कई शर्तों के साथ सीबीआई मामले में जमानत दे दी थी।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.