Raisina Dialogue: रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) का नौवां संस्करण आज (23 फरवरी) से शुक्रवार (23 फरवरी) तक नई दिल्ली (New Delhi) में आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) करेंगे। ग्रीस के प्रधान मंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस (Kyriakos Mitsotakis) उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
रायसीना डायलॉग क्या है?
रायसीना डायलॉग राजनीति और अर्थशास्त्र पर एक वार्षिक सम्मेलन (annual conference) है, जिसका उद्देश्य दुनिया के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों का समाधान करना है। सम्मेलन नई दिल्ली में होता है और इसमें राजनीतिक, व्यावसायिक, मीडिया और नागरिक समाज पृष्ठभूमि के लोग भाग लेते हैं। रायसीना डायलॉग के बसाइट के अनुसार, “संवाद को एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टोरल चर्चा के रूप में संरचित किया गया है, जिसमें राज्य के प्रमुख, कैबिनेट मंत्री और स्थानीय सरकारी अधिकारी शामिल हैं, जो निजी क्षेत्र, मीडिया और शिक्षा जगत के विचारशील नेताओं से जुड़े हुए हैं।” दिल्ली स्थित थिंक टैंक ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन, विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में सम्मेलन की मेजबानी करता है।
H.E. Mr. Kyriakos Mitsotakis (@kmitsotakis), Prime Minister of Greece will inaugurate the #RaisinaDialogue2024.
Know more: https://t.co/QodPtjA7ak@MEAIndia @orfonline#Raisina2024 https://t.co/nbKTMlZ4hb
— Raisina Dialogue (@raisinadialogue) February 19, 2024
क्या है विषय?
विदेश मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 2024 संस्करण का विषय “चतुरंगा: संघर्ष, प्रतियोगिता, सहयोग, निर्माण” है। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान, प्रतिभागी छह “विषयगत स्तंभों” पर एक-दूसरे से जुड़ेंगे। इनमें शामिल हैं: “(i) टेक फ्रंटियर्स: विनियम और वास्तविकताएँ; (ii) ग्रह के साथ शांति: निवेश और नवप्रवर्तन; (iii) युद्ध और शांति: शस्त्रागार और विषमताएं; (iv) उपनिवेशवाद से मुक्ति बहुपक्षवाद: संस्थाएं और समावेशन; (v) 2030 के बाद का एजेंडा: लोग और प्रगति; और (vi) लोकतंत्र की रक्षा: समाज और संप्रभुता,” है।
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प्रमुख थिंक टैंक शामिल
लगभग 115 देशों के 2,500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में शामिल होंगे। इस संवाद को विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा देखे जाने की उम्मीद है। प्रतिभागियों में मंत्री, पूर्व प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति, सैन्य कमांडर, प्रौद्योगिकी नेता, शिक्षाविद, पत्रकार, रणनीतिक मामलों के विद्वान और प्रमुख थिंक टैंक के विशेषज्ञ शामिल हैं।