Sandeshkhali Case: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes) (एनसीएसटी) की टीम ने 22 फरवरी (गुरुवार) सुबह उत्तर 24 परगना (North 24 Parganas) स्थित संदेशखाली (Sandeshkhali) में महिलाओं की शिकायतें सुनी। इस दौरान स्थानीय लोगों से जमीन पर जबरन कब्जा करने और उत्पीड़न की कुल 23 शिकायतें मिली हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने के मुताबिक, एनसीएसटी के कार्यकारी अध्यक्ष अनंत नायक (Anant Nayak) ने बताया कि उन्हें एक नेता के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसे राष्ट्रपति को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। नायक ने कहा, ‘‘संदेशखाली के निवासियों ने एक नेता का नाम लिया है। हम उसे अपनी रिपोर्ट में शामिल करेंगे। हमें अबतक 23 से अधिक शिकायतें मिली हैं। हम इसका जमीनी रिपोर्ट से मिलान करेंगे और उसके बाद राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपेंगे।’’
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एनसीएसटी टीम का दौरे
एनसीएसटी का यह दौरा राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्यों के दौरे के कुछ दिनों बाद हो रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने क्षेत्र में जारी हिंसा तथा मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में 21 फरवरी (बुधवार) को राज्य सरकार और पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया था।
तत्काल सुनवाई करने से इनकार
इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े व्यक्तियों द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच, उच्च न्यायालय ने संदेशखाली क्षेत्र की महिला निवासियों के लिए सुरक्षा का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शिवगणम ने सवाल किया कि क्या याचिकाकर्ता विधायक या पंचायत प्रधान जैसे निर्वाचित पद पर थे, या क्या वे संदेशखाली के निवासी थे, या उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था। मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर जोर दिया कि याचिका के साथ केवल समाचार पत्रों की रिपोर्टों की प्रतियां संलग्न करना पर्याप्त नहीं होगा। मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील को सूचित किया कि सुनवाई के लिए विचार करने से पहले जनहित याचिका की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिला ग्रामीणों के लिए सुरक्षा की मांग करने वाली उनकी जनहित याचिका (पीआईएल) पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
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