1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-Pakistan War) के दौरान भारतीय नौसेना (Indian Navy) के आईएनएस राजपूत युद्धपोत (INS Rajput Warship) ने पाकिस्तान (Pakistan) की अत्याधुनिक पनडुब्बी (Submarine) पीएनएस गाजी (PNS Ghazi) को डुबो दिया था। इस पनडुब्बी के अवशेष अब मिले हैं।
भारतीय नौसेना के डीप सबमर्जेज रेस्क्यू व्हीकल ने मलबा बरामद किया। मिलान 2024 अभ्यास के दौरान एक बचाव अभियान के प्रदर्शन के दौरान पनडुब्बी द्वारा मलबे की खोज की गई थी।
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पीएनएस गाजी भारत के पूर्वी समुद्री तट पर जासूसी करने आया था
पाकिस्तानी पनडुब्बी को भारत के पूर्वी समुद्री तट पर जासूसी करने के साथ-साथ आईएनएस विक्रांत पर हमला करने और उसे डुबाने के लिए भेजा गया था। भारत ने अपना विध्वंसक, आईएनएस राजपूत भेजा, जिसने पीएनएस गाजी का पता लगाया और उसे डुबाने के लिए गहराई से हमला किया। हालांकि, पाकिस्तानी सेना का कहना है कि पनडुब्बी दुर्घटनावश हुए विस्फोट के कारण डूबी।
पाकिस्तानी नौसेना समुद्र में डूब गई
पाकिस्तानी नौसेना की फ्रिगेट श्रेणी की पनडुब्बी पीएनएस गाजी 1971 के युद्ध के दौरान विशाखापत्तनम के पास रहस्यमय तरीके से समुद्र में डूब गई थी। इसमें पाकिस्तान नौसेना के 93 जवान मारे गये थे।
80 साल तक समुद्र की तली में पड़ा रहा
इसके अलावा इस स्थान पर एक जापानी पनडुब्बी आरओ 110 भी मिली है। इस पनडुब्बी को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल इंडियन नेवी और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने डुबो दिया था। यह पनडुब्बी पिछले 80 सालों से समुद्र की तलहटी में पड़ी हुई है।
डीएसआरवी तकनीक से हुई खोज
2018 से पहले भारत में डीएसआरवी जैसी तकनीक उपलब्ध नहीं थी। इसलिए भारत को इतने पुराने जहाज और पनडुब्बी के अवशेष नहीं मिल सके। लेकिन अब यह नई तकनीक भारत में उपलब्ध है, जिससे समुद्र की गहराई में ऐसी डूबी हुई नावों को खोजा जा सकता है।
पीएनएस गाजी को नहीं छुएगी भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना को पनडुब्बी का मलबा तट से करीब 2 से 2.5 किलोमीटर दूर करीब 100 मीटर की गहराई पर मिला। भारतीय नौसेना ने कहा कि वह अपनी जान गंवाने वाले लोगों के सम्मान में पनडुब्बी को नहीं छुएगी।
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