कांग्रेस (Congress) नेता और उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) और उनके दामाद को ईडी (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में पूछताछ के लिए बुलाया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि रावत को 29 फरवरी को देहरादून (Dehradun) में संघीय एजेंसी के समक्ष और उनकी बहू अनुकृति को 7 मार्च को अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। एजेंसी ने 7 फरवरी को रावत और अन्य के परिसरों की तलाशी ली थी। तलाशी के दौरान लगभग 1.20 करोड़ रुपये की भारतीय और विदेशी मुद्रा, सोना और थोक दस्तावेज जब्त किए गए।
ईडी रावत के करीबी सहयोगी बीरेंद्र सिंह कंडारी, भारतीय वन सेवा अधिकारी और पूर्व प्रभागीय वन अधिकारी किशन चंद और पूर्व वन रेंज अधिकारी बृज बिहारी शर्मा की जांच कर रही है। 63 वर्षीय रावत राज्य के पूर्व वन मंत्री हैं और 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ चुके हैं। ईडी के अनुसार, इन लोगों के खिलाफ जांच राज्य में दर्ज दो अलग-अलग एफआईआर से शुरू हुई।
ED summons former forest minister and Congress leader Harak Singh Rawat and others in connection with the money laundering case in the Pakhro Range scam of Corbett National Park. The Enforcement Directorate (ED) called Harak Singh Rawat to its office for questioning on 29…
— ANI (@ANI) February 24, 2024
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कोर्ट ने जमीन का एग्रीमेंट रद्द कर दिया था
उत्तराखंड पुलिस ने कंडारी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया नाम के एक व्यक्ति ने रावत के साथ साजिश रची और एक भूखंड के लिए दो ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ पंजीकृत की, जिसके लिए अदालत ने बिक्री पत्र रद्द कर दिया। राज्य सरकार के सतर्कता विभाग द्वारा शर्मा, किशन चंद और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, वन संरक्षण अधिनियम, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
6,000 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई का है आरोप
ईडी ने दावा किया कि तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी किशन चंद और तत्कालीन ‘वन रेंजर’ शर्मा ने अन्य अधिकारियों और रावत के साथ आपराधिक साजिश रची और अधिकृत वित्तीय शक्तियों से अधिक में निविदाएं प्रकाशित कीं। यह निविदा राज्य सरकार के नियमों/दिशानिर्देशों के अनुरूप भी नहीं थी। ईडी ने कहा कि उन पर 6,000 से अधिक पेड़ों को अवैध रूप से काटने का आरोप है, जबकि केवल 163 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी।
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