Deputy Collector: भारत में डिप्टी कलेक्टर कैसे बनें, पूरी जानकारी यहां जानें

भारत में डिप्टी कलेक्टर एक सरकारी अधिकारी होता है जो राजस्व प्रशासन और विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होता है।

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डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector) एक प्रशासनिक अधिकारी (Administrative Officer) होता है। वह विकासात्मक कार्यों (Developmental Works) और प्रशासनिक कार्यों (Administrative Works) के लिए एक निर्दिष्ट क्षेत्र के प्रबंधन में जिला कलेक्टर (District Collector) की सहायता करता है। वे राजस्व प्रशासन, भूमि रिकॉर्ड और अन्य संबंधित मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। डिप्टी कलेक्टरों को राजस्व अदालतों (Revenue Courts) का संचालन करने, विभिन्न बकाया और करों को इकट्ठा करने और राहत और पुनर्वास कार्य करने का अधिकार है। उनके पास राष्ट्रीयता, निवास, विवाह और अन्य जैसे विभिन्न वैधानिक प्रमाणपत्र जारी करने की शक्ति भी है।

डिप्टी कलेक्टर का पद क्या है?
भारत में डिप्टी कलेक्टर एक सरकारी अधिकारी होता है जो राजस्व प्रशासन और विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होता है। वे अक्सर राजस्व विभाग में काम करते हैं और भूमि राजस्व, कर संग्रह और अन्य प्रशासनिक कर्तव्यों को संभालते हैं।

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डिप्टी कलेक्टर क्या है?
डिप्टी कलेक्टर एक प्रशासनिक पद है जिसे सब डिविजनल मजिस्ट्रेट या सब डिविजनल ऑफिसर के रूप में तैनात किया जाता है। डिप्टी कलेक्टर का काम जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की सहायता करना है।

डिप्टी कलेक्टर कैसे बने
डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से स्नातक होना अनिवार्य है। इसके साथ ही उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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