महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन( एमआईडीसी) का सर्वर हैक होने का मामला उजागर हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हैकर ने 500 करोड़ रुपए की मांग की है। 29 मार्च से सर्वर हैक होने के कारण एमआईडीसी के सभी प्रादेशिक कार्यालयों में काम पूरी तरह ठप हो गया है।
बता दें कि प्रदेश में एमआईडीसी के 16 प्रादेशिक कार्यालय हैं। इन सभी में कोई काम नहीं हो पा रहा है। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद एमआईडीसी के अधिकारियों के साथ ही राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में भी हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि हैकर ने पांच सौ रुपए नहीं देने पर सभी डाटा डिलीट करने की धमकी दी है।
एमआईडीसी की योजनाओं और उद्योगों के बारे में जानकारी
इस सर्वर पर एमआईडीसी की सभी योजनाओं और उद्योगों के बारे में जानकारी है। यह ऑनलाइन व्यवस्था है। मिली जानकारी के अनुसार कंप्यूटर शुरू करते ही सिस्टम में वायरस दिखने लगता है। अगर सिस्टम में किसी ने प्रवेश किया तो सारा डाटा नष्ट होने का खतरा है।
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कंप्यूटर न शुरू करने की सलाह
एमआईडीसी द्वारा कंप्यूटर न शुरू करने की सलाह दी गई है। इस मामले में साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई है।
हैकर के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। साइबर सेल उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने में जुट गई है। सबसे पहले सेल के अधिकारी ये पता कर रहे हैं कि हैकर भारतीय है या विदेशी।
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क्या चीनी साइबर हैकर का हाथ?
बता दें कि इससे पहले मुंबई और इसके आसपास के उपनगरों में बिजली गुल होने को लेकर चीनी साइबर हैकर का हाथ बताया गया था। इस बारे में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख और ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने भी बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि इसकी जांच केंद्र सरकार को करानी चाहिए। अब एमआईडीसी का डाटा हैक होने के बाद भी चीनी साइबर हैकर्स के हाथ होने की चर्चा है।