Cabinet: केन्द्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने 29 फरवरी (गुरुवार) को पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) को आज मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने 13 फरवरी को योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत 75,021 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ एक करोड़ घरों में छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने फैसलों की जानकारी देते हुए योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल घरेलू उपभोक्ताओं (domestic consumers) के बिजली बिल की बचत होगी बल्कि उनकी आमदनी भी होगी।
#WATCH | Union Minister Anurag Thakur says, “Today cabinet meeting was held under the leadership of PM Modi. ‘PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana’ has been approved today, one crore families will get 300 units of free electricity under this scheme…” pic.twitter.com/vWWHHYUK1u
— ANI (@ANI) February 29, 2024
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अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ेगी क्षमता
अनुराग ठाकुर ने बताया कि योजना के तहत 1 किलो वाट, 2 किलो वाट और तीन किलो वाट सिस्टम लगाने पर क्रमशः 30 हजार, 60 हजार और 78 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। एक राष्ट्रीय पोर्टल के तहत लोग योजना के लिए आवेदन दे सकेंगे। पोर्टल के माध्यम से ही वेंडर भी चुन सकते हैं। इसके अलावा सब्सिडी की अतिरिक्त राशि पर 7 प्रतिशत की दर से ऋण भी लिया जा सकता है। योजना के तहत हर जिले में एक मॉडल सोलर विलेज बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के माध्यम से 17 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। लोग अपने घरों पर सोलर लगाकर अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम कंपनियों को बेच सकते हैं। इससे 30 गीगावाट की अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी और कार्बन उत्सर्जन में 72 करोड़ टन की कमी आयेगी।
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क्या हैं फायदें
छत पर सौर पैनल वाला घर सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली के बिल में बचत करने में सक्षम होगा और अतिरिक्त बिजली को डिस्कॉम को बेचकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकता है। इसके अलावा, योजना की मदद से, देश भर में आवासीय क्षेत्र में रूफटॉप सोलर के माध्यम से अतिरिक्त 30 गीगावॉट सौर क्षमता होगी और इसके परिणामस्वरूप 25 वर्षों में 720 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) समकक्ष उत्सर्जन में कमी आएगी। छत प्रणालियों का जीवनकाल।
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