Manipur Violence: हथियार लूट मामले में सीबीआई के बड़ी कार्रवाई, इन आरोपियों के खिलाफ दाखिल

आरोप पत्र में नामित आरोपी हैं लैशराम प्रेम सिंह, खुमुकचम धीरेन उर्फ थपकपा, मोइरंगथेम आनंद सिंह, अथोकपम काजीत उर्फ किशोरजीत, लौक्राकपम माइकल मंगांगचा उर्फ माइकल, कोंथौजम रोमोजीत मेइतेई उर्फ रोमोजीत और कीशम जॉनसन उर्फ जॉनसन।

137

Manipur Violence: अधिकारियों ने 2 मार्च (रविवार) को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) (सीबीआई) ने पिछले साल मणिपुर (Manipur) जातीय हिंसा (racial violence) के दौरान बिष्णुपुर पुलिस शस्त्रागार (Bishnupur Police Armory) से हथियारों और गोला-बारूद की लूट (loot weapons) के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। सीबीआई ने हाल ही में असम के गुवाहाटी में कामरूप (मेट्रो) में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष अपना आरोप पत्र दायर किया।

आरोप पत्र में नामित आरोपी हैं लैशराम प्रेम सिंह, खुमुकचम धीरेन उर्फ थपकपा, मोइरंगथेम आनंद सिंह, अथोकपम काजीत उर्फ किशोरजीत, लौक्राकपम माइकल मंगांगचा उर्फ माइकल, कोंथौजम रोमोजीत मेइतेई उर्फ रोमोजीत और कीशम जॉनसन उर्फ जॉनसन। पिछले साल 3 अगस्त को, भीड़ ने बिष्णुपुर के नारानसीना में द्वितीय भारतीय रिजर्व बटालियन मुख्यालय के दो कमरों से 300 से अधिक हथियार, 19,800 राउंड गोला-बारूद और अन्य सामान लूट लिया।

यह भी पढ़ें- West Bengal: न्यायपालिका छोड़ राजनीति में नजर आएंगे न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय, भाजपा में हो सकते हैं शामिल

पुलिस शस्त्रागार से हथियारों की लूट
विभिन्न कैलिबर की लगभग 9,000 गोलियां, एक एके सीरीज असॉल्ट राइफल, तीन ‘घातक’ राइफलें, 195 सेल्फ-लोडिंग राइफलें, पांच एमपी-5 बंदूकें, 16.9 मिमी पिस्तौल, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट, 21 कार्बाइन और 124 हैंड ग्रेनेड, अन्य चीजें अधिकारियों के मुताबिक भीड़ ने इन्हें लूट लिया। चुराचांदपुर की ओर मार्च करने के लिए वहां एक भीड़ जमा हो गई थी, जहां आदिवासी पिछले साल 3 मई को मणिपुर में हुई जातीय झड़पों में मारे गए अपने लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना बना रहे थे।

यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: असम लोकसभा उम्मीदवारों की सूची में भाजपा से हुई यह चूक, संशोधित सूची जारी

आदिवासी एकजुटता मार्च
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद भड़की जातीय हिंसा में अब तक 219 लोगों की जान चली गई है और कई सौ लोग घायल हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी , नागा और कुकी, 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

यह वीडियो भी पढ़ें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.