Mumbai: मुंबई लोकल (local train) को मुंबई (Mumbai) की लाइफलाइन माना जाता है। प्रतिदिन 75 लाख लोग उपनगरीय लोकल से यात्रा करते हैं। इसमें लगभग 25 लाख से अधिक महिला यात्री (women passengers) हैं। ऐसे समय में सुबह की पहली लोकल से लेकर रात की आखिरी लोकल तक ट्रेन की महिला बोगी (women compartment) में महिला यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे पुलिस (Railway Police) लगातार प्रयास कर रही है।
सुरक्षा के मद्देनजर महिला यात्रियों और उनकी सिफारिशों और अनुभवों के दृष्टिकोण से सुरक्षा में किन पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए, यह जानने के लिए गूगल फॉर्म की मदद से एक सर्वेक्षण किया गया है। यह सर्वे 31 मार्च तक चलेगा। रेलवे पुलिस ने जानकारी दी है कि गूगल फॉर्म तीन भाषाओं मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध कराए गए हैं। हर चार माह में इसकी समीक्षा की जायेगी।
प्रथम श्रेणी में 21 प्रश्न
यह महिला यात्रियों के लिए 21 सवालों का एक सर्वेक्षण होगा। जिसमें महिला यात्रियों का आयु, वर्ग, कहां से कहां तक यात्रा, दिन में कितनी बार (मुंबई लोकल) का उपयोग करें, पास धारक- टिकट धारक, यात्रा का समय, किस समय आप असुरक्षित महसूस करती हैं, प्रथम श्रेणी जैसे 21 प्रश्न होंगे। रात 10 बजे के बाद सुरक्षा, प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा, वर्दीधारी पुलिस होनी चाहिए या नहीं रेलवे पुलिस महानिदेशक ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर चार माह में समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
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सुरक्षा संबंधी समस्याओं की जानकारी
इसके एक भाग के रूप में, महिला यात्रियों के लिए 21 प्रश्नों वाला एक सर्वेक्षण शुरू किया गया है। रेल यात्रा में महिला यात्रियों को होने वाली सुरक्षा संबंधी समस्याओं की जानकारी ली जाएगी। जिससे महिला यात्रियों की भागीदारी से रेलवे पुलिस सुरक्षा को मजबूत कर सकेगी। जैसे-जैसे रेलवे में महिला यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, महिला लोकल (मुंबई लोकल) यात्रा सुरक्षा का मुद्दा सामने आ गया है।
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