Supreme Court ने सनातन धर्म (Eternal religion) को लेकर आपत्तिजनक बयान(objectionable statement) देने के लिए डीएमके नेता उदय निधि स्टालिन(DMK leader Uday Nidhi Stalin) की खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि आपने संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिली अभिव्यक्ति के आजादी(freedom of expression) का दुरुपयोग किया। आपने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन(Violation of the right to religious freedom) किया। अब आप अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट का दखल चाहते हैं।
आप मंत्री हैं….
कोर्ट ने स्टालिन से कहा कि आप कोई आम नागरिक नहीं हैं, आप एक मंत्री हैं। आपको ये पता होना चाहिए कि आपके बयान का क्या असर होगा। उदय निधि स्टालिन ने देश के विभिन्न हिस्सों मसलन यूपी, बंगलोर, पटना, जम्मू में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़े जाने की मांग की है।
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हाई कोर्ट जाने की सलाह
सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने पहले उदयनिधि स्टालिन को हाई कोर्ट जाने को कहा। तब स्टालिन की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें ऐसी सूरत में 6 हाई कोर्ट जाना होगा। ये दोषी साबित होने से पहले एक तरह से सजा देना होगा। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने एफआईआर जोड़े जाने का निर्देश दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट स्टालिन की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।