Sandeshkhali Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 6 मार्च (बुधवार) को संदेशखली मामले (Sandeshkhali Case) पर तत्काल सुनवाई (urgent hearing) की मांग करने वाली पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार की याचिका खारिज (petition rejected) कर दी, जो जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ईडी) के अधिकारियों पर हमले से संबंधित है।
अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया, जिसने राज्य को पूर्व-तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां की हिरासत तुरंत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्देश दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने शाहजहाँ को सीबीआई हिरासत में देने से इनकार करने के बाद शीघ्र सुनवाई की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
West Bengal Govt again mentions before Supreme Court seeking urgent hearing on plea against Calcutta High Court order directing CBI probe in Sandeshkhali matter pertains to the attack on ED officials.
Senior Advocate Singhvi says “urgency is that they wanted overnight compliance… pic.twitter.com/xNxhFuBFLO
— ANI (@ANI) March 6, 2024
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कोर्ट नें मामले को सीबीआई को सौंपा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले की जांच 5 मार्च को सीबीआई को सौंप दी थी। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया। हाई कोर्ट ने गिरफ्तार शाहजहां शेख को मंगलवार शाम 4:30 बजे तक केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का भी आदेश दिया था। इसके बाद 5 मार्च
(मंगलवार) शाम को सीबीआई के अधिकारी शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए भवानी भवन पहुंचे। उन्हें जांच के कागजात भी अपने कब्जे में लेने होंगे।
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टीएमसी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ के आदेश को चुनौती देकर तृणमूल सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ेंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले की तत्काल सुनवाई करने की मांग की। बाद में पता चला कि सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को तरजीह नहीं दी थी।
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