पीएम मोदी ने फरवरी 2019 में सुरंग परियोजना की नींव रखी थी । 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, 'सेला टनल' का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 825 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
परियोजना में दो सुरंगें हैं- सुरंग 1 लगभग 1,003 मीटर लंबी है और सुरंग 2 एक ट्विन-ट्यूब सुरंग है जो 1595 मीटर लंबी है
सुरंग परियोजना में 8.6 किमी लंबी दो सड़कें भी शामिल हैं और इसे 80 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ प्रति दिन 2,000 ट्रकों और 3,000 कारों के यातायात घनत्व के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह चीन की सीमा से लगे तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और तवांग की यात्रा के समय को कम से कम एक घंटा कम कर देगी।
इससे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैनिकों, हथियारों और उपकरणों की तेजी से तैनाती हो सकेगी।
भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण बालीपारा-चारीद्वार-तवांग मार्ग वर्ष के अधिकांश समय बंद रहता है।
यह परियोजना भारत की रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देगी।