Supreme Court ने एनसीपी के अजीत पवार गुट(Ajit Pawar faction of NCP) से दो दिन में अंडरटेकिंग(undertaking) देने को कहा है कि वो चुनाव प्रचार(Election Campaign) में शरद पवार(Sharad Pawar) के नाम और उनकी तस्वीर का इस्तेमाल न करें। इस मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को(Next hearing on March 19) होगी।
दरअसल, शरद पवार गुट(Sharad Pawar faction) की ओर से शिकायत की गई थी कि अजीत पवार गुट अभी भी वोटरों से अपील के लिए शरद पवार के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताते हुए अजित पवार गुट से कहा कि जब चुनाव नजदीक होते हैं तो आपको शरद पवार की जरूरत महसूस होती है। जब चुनाव नहीं होते हैं तो आपको उनकी जरूरत नहीं लगती। अब आपकी एक अलग पहचान है। उसी के साथ अब मतदाताओं के बीच जाएं।
19 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने जारी किया था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को एनसीपी चुनाव चिह्न को लेकर शरद पवार की याचिका पर अजीत पवार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल शरद गुट चुनाव आयोग की तरह से दिए नाम एनसीपी शरद पवार का इस्तेमाल करे। शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निर्वाचन आयोग की ओर से अजीत पवार गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है।
अजीत पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है कैविएट
इससे पहले 6 फरवरी को एनसीपी गुट के अजीत पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। अजित पवार गुट ने कहा है कि अगर निर्वाचन आयोग के फैसले को शरद पवार गुट चुनौती देता है तो कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। निर्वाचन आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार देते हुए चुनाव चिह्न घड़ी भी उन्हें सौंप दिया है। निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में शरद पवार गुट से पहले ही अजित गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी।