IPC 409: जानिए क्या है आईपीसी धारा 409, कब होता है लागू और क्या है सजा

धारा 409 के तहत अपराध पर जुर्माना या 10 साल तक की कैद हो सकती है।

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भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 409 (Section 409) एक लोक सेवक (Public Servant) या बैंकर (Bank Employee), व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात के अपराध से संबंधित है। लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन। जिसे भी, एक लोक सेवक के रूप में या अपने अधिकार में, किसी भी संपत्ति, या किसी बैंकर की संपत्ति पर कोई प्रभुत्व सौंपा गया है, व्यापारी, कारक, दलाल, वकील या एजेंट के रूप में व्यवसाय करना, उस संपत्ति के संबंध में विश्वास का आपराधिक उल्लंघन करना, आजीवन कारावास (Life Imprisonment) या कारावास से दंडित (Punishment) किया जाएगा जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही दंडित भी किया जाएगा। जुर्माना लगाया जा सकता है।” (IPC 409)

सरल शब्दों में, यदि कोई व्यक्ति जिसे संपत्ति सौंपी गई है या उस पर उसका नियंत्रण है, चाहे वह लोक सेवक के रूप में हो या किसी पेशेवर क्षमता में, उस विश्वास का उल्लंघन करता है, तो उस पर इस धारा के तहत आरोप लगाया जा सकता है। सजा आजीवन कारावास या जुर्माने के साथ दस साल तक की कैद हो सकती है।

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धारा 409 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत, कोई भी व्यक्ति, चाहे वह लोक सेवक हो या बैंक कर्मचारी, व्यवसायी, वर्ग, मतदाता, उद्यमी या एजेंट हो, किसी भी प्रकार की संपत्ति पर स्वामित्व या प्रभुत्व नहीं रखता है। विश्वास का आपराधिक उल्लंघन करने पर किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

क्या होती है सजा?
धारा 409 के तहत अपराध पर जुर्माना या 10 साल तक की कैद हो सकती है। ऐसा अपराध गंभीर प्रकृति का है और आरोप पत्र भरने के लिए अध्ययन समय की आवश्यकता होती है।

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