दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार (15 मार्च) को तेलंगाना (Telangana) के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया। वहीं, अब दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) शनिवार (16 मार्च) अदालत (Court) में पेश होंगे। लगातार 8 समन जारी करने के बावजूद केजरीवाल अदालत में पेश नहीं हुए तो ईडी ने उनके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया। अब इस मामले में केजरीवाल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने व्यक्तिगत पेशी से बचने की केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी और उन्हें आज एसीएमएम कोर्ट (ACMM Court) में पेश होने को कहा।
दिल्ली शराब घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पहले से ही जेल में हैं। अब अगर ईडी आज केजरीवाल को गिरफ्तार करती है, तो इससे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आप के लिए नेतृत्व संकट पैदा हो सकता है।
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आठवें समन पर भी पेश नहीं हुए केजरीवाल
शराब घोटाले के मामले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 8 बार समन किया है, लेकिन केजरीवाल किसी भी समन पर ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। चूंकि सीएम केजरीवाल ने समन को नजरअंदाज कर दिया था, इसलिए ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ दो बार शिकायत दर्ज की, जिसमें कहा गया कि केजरीवाल लोगों के प्रतिनिधि हैं और ईडी की जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस पर पहली सुनवाई के दौरान केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में शामिल हुए थे और बजट सत्र का हवाला देकर कुछ राहत मांगी थी। इसके बाद कोर्ट की दूसरी सुनवाई में उन्हें 16 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया।
16 मार्च को कोर्ट में पेश होने से बचने के लिए केजरीवाल ने सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन शुक्रवार को सेशन कोर्ट से भी केजरीवाल को कोई राहत नहीं मिली। अब देखना यह है कि क्या केजरीवाल कोर्ट में पेश होंगे और ईडी का अगला कदम क्या होगा।
शराब नीति का मतलब क्या है?
दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताई और केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की सिफारिश की। बाद में ईडी भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें नीतियों के जरिए फायदा पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।
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