Lok Sabha Elections: मुख्य मुद्दा होगा संदेशखाली, इस मुद्दे पर भी घिरेंगी ममता

प्रधानमंत्री मोदी भी प्रदेश के हालिया दौरों में अपनी सभाओं में यह संकेत दे चुके हैं कि संदेशखाली का मुद्दा भाजपा के प्रचार अभियान के केंद्र में होगा।

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Lok Sabha Elections: देशभर में लोकसभा चुनाव की तरीकों का ऐलान हो गया है। पश्चिम बंगाल में सात चरणों में वोटिंग(Voting in seven phases in West Bengal) होनी है। सूबे में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस(Mamata Banerjee led Trinamool Congress) और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (B J P) के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। यहां 42 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव(Elections for 42 Lok Sabha seats) होगा।

पश्चिम बंगाल में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद देश में तीसरी सर्वाधिक सीट हैं, जिनके लिए मतदान 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होगा।

ममता बनर्जी के एकला चलो रुख
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के एकला चलो के रुख को अपनाने के साथ उनके विपक्षी इंडी गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना खत्म हो गई है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अब भी वाम दलों के साथ गठजोड़ पर विचार कर रही है। दोनों दलों ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव मिलकर लड़े थे। हालांकि, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उनके बीच आधिकारिक रूप से गठबंधन की घोषणा अभी नहीं की गई है।

मोदी के चेहरे पर भाजपा लड़ेगी चुनाव
भाजपा राज्य के मतदाताओं को लुभाने के लिए पहले की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व और उनकी लोकप्रियता का सहारा लेगी। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 294 सदस्यीय सदन में केवल 77 सीटों से संतोष करना पड़ा था। लेकिन इस चुनाव में उसने बनर्जी के शासन में भ्रष्टाचार के मुद्दे, संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भूमि कब्जाने और महिलाओं के उत्पीड़न के आरोपों के सहारे पूरी ताकत झोंक दी है।

जेल में टीएमसी के कई नेता
विभिन्न मामलों में तृणमूल के कई नेता जेल में हैं। इसके अलावा संदेशखाली में तृणमूल के वरिष्ठ नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापे के दौरान ईडी के दल पर हमले के बाद इलाके में ग्रामीणों ने शेख और उनके साथियों पर जबरन तरीके से जमीन हड़पने और महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के साथ प्रदर्शन शुरू कर दिया। चुनाव में यह बड़ा मुद्दा रहने वाला है।

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संदेशखाली बनेगा मुद्दा
प्रधानमंत्री मोदी भी प्रदेश के हालिया दौरों में अपनी सभाओं में यह संकेत दे चुके हैं कि संदेशखाली का मुद्दा भाजपा के प्रचार अभियान के केंद्र में होगा। तृणमूल कांग्रेस राज्य में भाजपा के खिलाफ बाहरी लोगों का मुद्दा उठाती रही है। तृणमूल कांग्रेस ने गत 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विशाल रैली में नारा भी दिया कि जनता का गर्जन, बांग्ला में विरोधियों का विसर्जन।

मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी परियोजनाओं में केंद्रीय धन रोकने के पश्चिम बंगाल सरकार के आरोप भी चुनाव प्रचार का हिस्सा रहने वाले हैं। इनके अलावा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) एक बड़ा मुद्दा रहने वाला है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र द्वारा सीएए के नियमों को अधिसूचित किये जाने के तत्काल बाद इसका विरोध शुरू कर दिया था।

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