Arvind Kejriwal: बार-बार समन पर पेश न होने के बावजूद केजरीवाल को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा? कहां फंस रहा है पेंच

शराब नीति घोटाला मामले में ईडी अब तक अरविंद केजरीवाल को 9 समन भेज चुकी है।

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राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) से जमानत (Bail) मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को दोबारा फिर एक समन (Summons) भेजा था उन्हें 18 मार्च यानी आज प्रवर्तन निदेशालय ईडी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था। लेकिन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने एक बार फिर ईडी के समन को गैर कानूनी करार देते हुए पेश होने से मना कर दिया। ईडी ने आज केजरीवाल को दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन की जांच के संबंध में पेश होने को कहा था। वही 21 मार्च को ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया है।

शराब नीति मामले में केजरीवाल को अब तक ईडी के 9 समन
शराब नीति घोटाला मामले में ईडी अरविंद केजरीवाल को अब तक 9 समन भेज चुकी है। 17 मार्च से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी,17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को ईडी ने समन भेजा था। हालांकि, वह एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं।

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क्यों नहीं गिरफ्तार हो रहे केजरीवाल?
अब सवाल उठता है कि केजरीवाल ईडी के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे है ? केजरीवाल कानून को ठेंगा क्यों दिखा रहे हैं? प्रवर्तन निदेशालय केजरीवाल को गिरफ्तार करके पूछताछ क्यों नहीं करती? केजरीवाल ईडी के समन को राजनीतिक मुद्दा बनाने में आगे बढ़ रहे हैं। केजरीवाल नया नेरेटिव गढ़ रहे हैं कि भाजपा चुनाव के वक्त उनको गिरफ्तार करेगी ताकि वह चुनाव में हिस्सा न लें। दिल्ली में कानून व्यवस्था सीधे केंद्र के अधीन आता है ऐसे में एजेंसी के सामने चिंता नहीं है कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाएगी।

कानून क्या कहता है, ईडी के पास विकल्प
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं तो ईडी के पास क्या विकल्प बचे हैं। इसे लेकर कानून क्या कहता है आइए डालते हैं एक नजर… प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पीएमएलए की धारा 19 के तहत ईडी को यह अधिकार है कि अगर कोई आरोपित पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होता है तो ईडी उसे गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि उसके पास गिरफ्तारी के लिए पुख्ता आधार होने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट का क्या कहना
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान ईडी को कहा था कि अगर कोई ईडी के समन के बावजूद पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है तो केवल ये उसकी गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब अधिकारियों को यह विश्वास हो कि आरोपित अपराध में सम्मिलित है।

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