Supreme Court: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(Nationalist Congress Party of Deputy Chief Minister Ajit Pawar) चुनाव चिन्ह ‘घड़ी'(Election symbol ‘clock’) पर लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) लड़ सकेगी। शरद पवार(Sharad Pawar) ने चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ को फ्रीज करने की मांग(Demand to freeze election symbol ‘clock’) की थी। इस मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की याचिका पर 19 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। शरद पवार की ओर से याचिका दायर कर अजीत पवार की पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ को फ्रीज करने की मांग की गई थी। अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी। इसका मतलब है कि अजीत पवार की एनसीपी घड़ी चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकेगी। इसके साथ ही शरद पवार गुट तुरही चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की सर्वोच्च सलाह दी गई है।
शरद पवार के वकील ने दी दलील
शरद पवार की ओर से वरिष्ठ वकील मनु अभिषेक सिंघवी न्यायालय में पेश हुए। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि पिछले 25 साल से शरद पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और घड़ी उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह था, लेकिन दो महीने पहले चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया कि अजीत पवार ही असली हकदार हैं और घड़ी चुनाव चिह्न भी उन्हें दे दिया। लेकिन, घड़ी के निशान ने महाराष्ट्र के लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दिया है। लोग भ्रमित हो रहे हैं। सिंघवी ने तर्क दिया कि मतदाताओं की दुविधा को ध्यान में रखते हुए चुनाव चिन्ह घड़ी को फ्रीज करने का अंतरिम आदेश दिया जाना चाहिए।
न्यायालय की टिप्पणी
इस बीच, अदालत ने कहा, “आपकी पार्टी अब आपके नाम से जानी जाती है। भारत के नागरिक जागरूक हैं। वे भारत की राजनीति और राजनीतिक मामलों से अवगत हैं। एक पार्टी के रूप में यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप मतदाताओं को बताएं कि घड़ी चुनाव चिन्ह आपका नहीं है।”
अजीत पवार के वकील ने दी दलील
वहीं अजित पवार गुट की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि घड़ी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का प्रतीक है। चुनाव आयोग ने वह पार्टी अजीत पवार को दे दी है। इसलिए घड़ी चुनाव चिन्ह भी अजीत पवार गुट का है। मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते में होगी।
अजीत पवार गुट को सलाह
हालांकि शीर्ष न्यायालय ने अजीत पवार गुट को किसी भी चुनाव प्रचार सामग्री में राकांपा संस्थापक शरद पवार के नाम या तस्वीर का उपयोग करने से रोक दिया। अदालत ने अजीत पवार गुट को एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने का निर्देश दिया कि उसका ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित अपील के अंतिम परिणाम के अधीन है। अदालत ने कहा, तब तक, ऐसी घोषणा सभी विज्ञापनों के साथ होनी चाहिए, चाहे वह प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हो।
पिछले हफ्ते, जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की पीठ ने चुनाव प्रचार के लिए शरद पवार के नाम और तस्वीरों के कथित इस्तेमाल को लेकर अजित पवार खेमे की खिंचाई की थी,“अब आप एक अलग राजनीतिक दल हैं। आपने उसके साथ न रहने का निर्णय लिया है। तो उनकी तस्वीर का उपयोग क्यों करें… अब अपनी पहचान के साथ जाएं,” पीठ ने कहा था।