भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) ने शुक्रवार (22 मार्च) की सुबह कर्नाटक (Karnataka) के चित्रदुर्ग में ‘पुष्पक’ विमान (Pushpak Viman) को सफलतापूर्वक लैंड करवाया। इसरो ने एक्स हैंडल पोस्ट में यह जानकारी दी। ‘पुष्पक’ एसयूवी के साइज का पंखों वाला रॉकेट है। इसे ‘स्वदेशी स्पेश शटल’ (Indigenous Space Shuttle) भी कहा जा रहा है। ये रि-यूजेबल विमान (Reusable Aircraft) है । इसे पृथ्वी पर वापस लाकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसरो ने एक्स पर कहा कि रि-यूजेबल लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आरएलवीएलईएक्स-02 लैंडिंग एक्सपेरिमेंट के जरिए मील का पत्थर साबित हुआ। यह टेस्ट चित्रदुर्ग के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सुबह 7ः10 बजे किया गया। ‘पुष्पक’ को वायुसेना के हेलिकॉप्टर चुनूक से 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया।
Pushpak captured during its autonomous landing📸 pic.twitter.com/zx9JqbeslX
— ISRO (@isro) March 22, 2024
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ऑर्बिटल रि- प्रवेश मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
इस मिशन को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र और इसरो जड़त्व प्रणाली इकाई के साथ पूरा किया था। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने इस जटिल मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने के लिए टीम को बधाई दी। वीएसएससी के निदेशक डॉ. एस उन्नीकृष्णन नायर ने यह सफलता भविष्य के ऑर्बिटल रि- प्रवेश मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुष्पक विमान मिशन की टीम का मार्गदर्शन सुनील पी, कार्यक्रम निदेशक, उन्नत प्रौद्योगिकी और सिस्टम कार्यक्रम, वीएसएससी ने किया।
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