Delhi Liquor Policy Case: के. कविता को अदालत से नहीं मिली राहत, कोर्ट ने दिया न्यायिक हिरासत का आदेश

हालांकि, ईडी ने कहा कि अगर अंतरिम जमानत पर विचार किया जाना है तो एजेंसी को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है।

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Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली (Delhi) की एक अदालत ने 26 मार्च (मंगलवार) को भारत राष्ट्र समिति (Bharat Rashtra Samithi) बीआरएस नेता के. कविता (K Kavitha) को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ईडी) की हिरासत समाप्त होने के बाद अदालत ने 9 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भेज दिया। ईडी ने अदालत से आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था। जिसके बाद, वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने अदालत से इस आधार पर अंतरिम जमानत याचिका (interim bail petition) पर सुनवाई करने का आग्रह किया कि उनके 16 वर्षीय बेटे की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं।

हालांकि, ईडी ने कहा कि अगर अंतरिम जमानत पर विचार किया जाना है तो एजेंसी को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। अदालत ने के कविता द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 1 अप्रैल की तारीख तय की है।

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दिल्ली शराब नीति मामला
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को उनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली शराब नीति मामले में 17 मार्च को सात दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया गया था। 23 मार्च को अदालत ने उनकी ईडी हिरासत तीन दिन के लिए बढ़ा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च को बीआरएस नेता को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था और उन्हें जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में के कविता की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था और उनसे इस निर्देश के साथ ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था कि दायर जमानत याचिका पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने टिप्पणी की कि उसे सभी के लिए एक समान नीति का पालन करना होगा और लोगों को जमानत के लिए सीधे शीर्ष अदालत में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि वे राजनीतिक लोग हैं।

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आप के शीर्ष नेताओं के साथ रची साजिश
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया था कि बीआरएस एमएलसी के कविता ने कथित तौर पर दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी और वह 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने में शामिल थीं। इन एहसानों के बदले में आप नेताओं को करोड़ों रुपये दिए गए।

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