दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कांग्रेस (Congress) की ओर से चार वित्तीय वर्ष के इनकम टैक्स (Income Tax) के रिअसेसमेंट कार्रवाई (Reassessment Action) के खिलाफ दायर याचिका (Petition Filed) खारिज (Rejected) कर दी। जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाएं खारिज करने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने चार वित्तीय वर्षों 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 के दौरान इनकम टैक्स विभाग की ओर से शुरू किए गए रिअसेसमेंट की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। सुनवाई के दौरान कांग्रेस और इनकम टैक्स विभाग ने इस बात पर सहमति जताई कि 22 मार्च को हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया था वो आदेश इन याचिकाओं पर भी लागू होगा।
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22 मार्च को हाई कोर्ट ने कांग्रेस की तीन वित्तीय वर्ष के इनकम टैक्स के रिअसेसमेंट कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। खारिज याचिका में तीन वित्तीय वर्षों 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के दौरान इनकम टैक्स विभाग की ओर से शुरू किए गए रिअसेसमेंट की प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि इनकम टैक्स विभाग ने समय सीमा के बाद कार्रवाई शुरू की है। वे ज्यादा से ज्यादा छह वित्तीय वर्ष पीछे का रिअसेसमेंट कर सकते हैं।
सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने पूछा था कि कांग्रेस की ओर दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न में कितने का अंतर है तब इनकम टैक्स विभाग की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि 520 करोड़ रुपये का बकाया है। उल्लेखनीय है कि 13 मार्च को भी दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस से 105 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
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