PM Modi: वकीलों के चीफ जस्टिस (chief Justice) को लिखे गये पत्र पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 28 मार्च (गुरुवार) को कहा कि दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस (Congress) की पुरानी संस्कृति है। सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई करने का आग्रह करने वाले 600 वकीलों द्वारा प्रस्तुत पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। 5 दशक पहले ही उन्होंने “प्रतिबद्ध न्यायपालिका” का आह्वान किया था – वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) के चेयरमैन मनन मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल सहित छह सौ वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर शिकायत की है कि न्यायपालिका को बदनाम करने का राजनीतिक एजेंडा चलाया जा रहा है।
To browbeat and bully others is vintage Congress culture.
5 decades ago itself they had called for a “committed judiciary” – they shamelessly want commitment from others for their selfish interests but desist from any commitment towards the nation.
No wonder 140 crore Indians… https://t.co/dgLjuYONHH
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2024
न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित
पत्र में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए हस्ताक्षरकर्ताओं ने दावा किया कि राजनीतिक मामलों में न्यायपालिका पर दबाव बनाने, न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने और अदालत के आदेशों को गलत ठहराने के बेतुके तर्क दिए जा रहे हैं। इसके लिए बाकायदा एजेंडा चलाया जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘व्यक्तिगत और राजनीतिक कारणों से अदालतों को कमजोर करने और उनमें हेरफेर करने’ का प्रयास किया जा रहा है और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
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