Maldives: मालदीव (Maldives) मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों (Indian military personnel) को बदलने की प्रक्रिया चल रही है, द्वीप राष्ट्र की सरकार ने कहा है कि वह सैनिकों की वापसी पर माले (Male) और नई दिल्ली (New Delhi) के बीच समझौते का विवरण (details of agreement) उजागर नहीं करेगी।
मोहम्मद मुइज्जू सरकार के अनुरोध पर भारत ने 12 मार्च को 25 सैनिकों के पहले बैच के साथ अपने कर्मियों को वापस लेना शुरू कर दिया। दूसरे समूह के 10 अप्रैल तक देश छोड़ने की उम्मीद है।
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मालदीव के विदेश मंत्रालय का बयान
मालदीव के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने मिहारू न्यूज से बात करते हुए कहा कि सौदे के विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है। एक समाचार पोर्टल ने मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा, “हालांकि, मंत्रालय की प्रतिक्रिया में कहा गया है कि वे समझौते की एक प्रति का खुलासा करने में असमर्थ हैं और कहा कि यह सूचना के अधिकार अधिनियम के अनुच्छेद 29 के अनुरूप किया गया है।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के प्रशासन ने भी भारत के साथ रक्षा समझौतों की जानकारी छिपाई थी।
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चीन समर्थक नेता हैं मुइज्जू
चीन समर्थक नेता के रूप में देखे जाने वाले मुइज्जू ने पहले पुष्टि की थी कि कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि नागरिक कपड़ों में भी, 10 मई के बाद उनके देश में मौजूद नहीं रहेगा। पिछले साल नवंबर में सत्ता में आए मुइज्जू ने दावा किया था कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि मालदीव अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए किसी भी “विदेशी सैन्य उपस्थिति” से “मुक्त” रहे। इसके बाद इस साल जनवरी में उन्होंने भारत से सेना वापस बुलाने को कहा। मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव बना हुआ है।
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