Lok Sabha Election 2024: तमिलनाडु के कोयंबटूर में त्रिकोणीय मुकाबला, डीएमके व एडीएमके के खिलाफ अन्नामलाई दिखाएंगे दम

द्रमुक ने अपने सबसे मजबूत प्रत्याशी गणपति को मैदान में उतारा है। द्रमुक प्रत्याशी गणपति काफी पढ़े- लिखे हैं और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले राज्य के कुछ उम्मीदवारों में से एक हैं। दावा किया जाता है कि उन्हें लोगों का काफी समर्थन है।

171

Lok Sabha Election 2024: कोयंबटूर लोकसभा सीट (Coimbatore Lok Sabha seat) पर त्रिकोणीय लड़ाई (triangular fight) की संभावना है। द्रविड़ पार्टियों (Dravidian parties) के मजबूत उम्मीदवार, भाजपा के प्रदेश (BJP’s states) अध्यक्ष के. अन्नामलाई (K Annamalai) के खिलाफ मैदान में है। पिछले कुछेक माह में अन्नामलाई ने कई दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में जोड़ने का जो कौशल दिखाया है, उससे कोयंबटूर लोकसभा सीट पर वे अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर देंगे, इसमें किसी को संदेह नहीं है। अन्नाद्रमुक को अपने गढ़ में अपनी ताकत साबित करनी है, जबकि द्रमुक को 2019 में अरवाकुरिची विधानसभा सीट पर हारने के बाद अन्नामलाई को राज्य में पैर जमाने से रोकना है।

द्रमुक ने अपने सबसे मजबूत प्रत्याशी गणपति को मैदान में उतारा है। द्रमुक प्रत्याशी गणपति काफी पढ़े- लिखे हैं और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले राज्य के कुछ उम्मीदवारों में से एक हैं। दावा किया जाता है कि उन्हें लोगों का काफी समर्थन है। दूसरी तरफ अन्नाद्रमुक ने अपने दमदार नेता सिंगाई रामचंद्रन को मैदान में उतारा है। सिंगाई के खिलाफ अन्नामलाई को अपनी ताकत दिखानी होगी जो उनके लिए भी बहुत बड़ी चुनौती है। द्रमुक और अन्नाद्रमुक के प्रत्याशियों ने भाजपा के अन्नामलाई के खिलाफ चुनावी मोर्चा खोल दिया है। इस त्रिकोणीय चुनाव में किसका पलड़ा भारी होगा, यह देखना रोचक होगा।

यह भी पढ़ें- PM Modi Meet Bill Gates: डिजिटल क्रांति से एआई तक, पीएम मोदी ने बिल गेट्स से इन मुद्दों पर की चर्चा

कोयंबटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कोयंबटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत सभी विधानसभा सीटें-कोयंबटूर दक्षिण, कोयंबटूर उत्तर, कवुंडमपलयम, सिंगनल्लूर, और कोयंबटूर में सुलूर और तिरुपुर में पल्लदम-अन्नाद्रमुक की झोली में हैं। अगर हम कोयंबटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का पुनरावलोकन करें तो वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव अपवाद के रूप में साबित हुए, जिसमें डीएमके के सहयोगी सीपीएम के पीआर नटराजन ने 1.79 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

यह भी पढ़ें- Air India Case: प्रफुल्ल पटेल के एयर इंडिया मामले में पूर्णविराम, सीबीआई ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट

ईपीएस का पार्टी पर नियंत्रण
जबकि भाजपा के सीपी राधाकृष्णन ने अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में 3,91,505 वोटों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। कहा जा रहा है कि प्रतिष्ठा की इस लड़ाई में एआईएडीएमके अपनी जीत की लय फिर से हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उनका मानना है कि पूर्व विधायक ‘सिंगाई’ गोविंदराजू के बेटे सिंगाई जी रामचंद्रन अवश्य चुनाव जीतेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मृत्यु के बाद ओ पन्नीरसेल्वम के प्रति समर्थन जताने के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में जब ईपीएस ने पार्टी का नियंत्रण अपने हाथ में लिया तो उन्हें बहाल कर दिया गया। वह पार्टी की आईटी शाखा के प्रमुख हैं और पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

यह भी पढ़ें- PM Modi Meet Bill Gates: डिजिटल क्रांति से एआई तक, पीएम मोदी ने बिल गेट्स से इन मुद्दों पर की चर्चा

त्रिकोणीय संघर्ष
कोयंबटूर के एक जनप्रतिनिधि के अनुसार, कोयंबटूर को बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर लंबे समय से उपेक्षित किया गया है। बेहतर हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करना, रेलवे स्टेशनों में सुधार करना, बंद ट्रेनों को बहाल करना और नई सेवाएं शुरू करना, बाईपास सड़कों को बढ़ावा देना प्राथमिकता का विषय है। कोंगु ग्लोबल फोरम के निदेशक जे सतीश ने कहा, खासतौर पर उन्होंने कोयंबटूर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के विस्तार कार्यों की धीमी गति का हवाला दिया। अब देखना है कि इस त्रिकोणीय संघर्ष में किसका पलड़ा भारी होता है।

यह भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.