भारत (India) ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) पर दावे के एक और चीन (China) के प्रयास का सिरे से खारिज (Rejected) कर दिया। अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों (Various Places) के चीनी नाम रखने को भारत ने निरर्थक प्रयास बताया है।
विदेश मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर (Union Minister S. Jaishankar) ने आज इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के अपने निरर्थक प्रयासों को जारी रखा है। हम इस तरह के प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं। मनगढ़ंत नाम रखने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है, था और हमेशा रहेगा। सोमवार को सूरत में पत्रकारों से बात करते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर मैं तुम्हारे घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जायेगा?
#WATCH : चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों का चीनी और तिब्बती नामों से नामकरण किया स जयशंकर ने कहा , "अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था, है और आगे भी रहेगा "
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भारत इस बेवकूफी को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा
चीन ने अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने का अतिवाद जारी रखा है और कल चीन की ओर से 30 जगहों की चौथी सूची जारी की गई। इसके बाद भारत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और चीन ने अपनी बेवकूफी जारी रखी है और भारत ने चीन को फटकार लगाते हुए कहा है कि भारत इस बेवकूफी को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
चीन पहले भी बदल चुका है नाम
चीन से इस क्षेत्र का नाम बदलने की पहली सूची 2017 में लाई गई थी। फिर 2021 में 15 स्थानों की सूची की घोषणा की गई। फिर 2023 में 11 स्थानों की सूची और अब 2024 में 30 स्थानों की सूची की घोषणा की गई है।
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