Cash-For-Query Case: महुआ मोइत्रा पर कसा शिकंजा,एक और हुआ मामला दर्ज

लोकसभा में अपनी मुखरता और उग्र बहस के लिए जानी जाने वाली मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था, जब संसदीय आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें उपहार स्वीकार करने और अवैध संतुष्टि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।

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Cash-For-Query Case: समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने 2 अप्रैल को कैश-फॉर-क्वेरी विवाद (Cash-for-query controversy) में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) का मामला दर्ज (Case registered) किया। यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत दर्ज किया गया है।

लोकसभा में अपनी मुखरता और उग्र बहस के लिए जानी जाने वाली मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था, जब संसदीय आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें उपहार स्वीकार करने और अवैध संतुष्टि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।

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कैश-फॉर-क्वेरी मामले में कानूनी कार्यवाही
इससे पहले, सीबीआई ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में पूर्व सांसद के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की थी। सीबीआई ने यह कार्रवाई लोकपाल के निर्देशों के बाद की, जिन्होंने मोइत्रा के खिलाफ भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों की समीक्षा के बाद निर्देश जारी किए।

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लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश
लोकपाल ने सीबीआई को उनके खिलाफ सभी आरोपों की गहन जांच कर छह महीने के भीतर अपना निष्कर्ष पेश करने का निर्देश दिया। जेपी मॉर्गन चेज़ के पूर्व निवेश बैंकर, जिन्होंने एथिक्स कमेटी द्वारा निष्कासन की सिफारिश को ”कंगारू कोर्ट द्वारा पूर्वनिर्धारित मैच” करार दिया था, ने दावा किया कि भाजपा देश में लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश कर रही है।

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