Nepal: नेपाल (Nepal) में सत्ता गठबंधन (power alliance) में परिवर्तन को अभी एक महीना भी नहीं हुआ है कि प्रमुख विपक्षी दल (major opposition parties) नेपाली कांग्रेस (Nepali Congress) के शीर्ष नेताओं की तरफ से जल्द ही प्रचण्ड सरकार (prachanda sarkar) के गिरने और नया सत्ता समीकरण (power equation) बनने का दावा किया गया है।
नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शेखर कोइराला ने विराटनगर में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी के शीर्ष नेता लगातार नेकपा एमाले के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के संपर्क में हैं और उपचुनाव के बाद सत्ता समीकरण बदलने को लेकर लगभग सहमति हो गई है।
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आर्थिक सुदृढ़ता के लिए कांग्रेस और एमाले
डॉ. कोइराला ने कहा कि इस देश में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक सुदृढ़ता के लिए कांग्रेस और एमाले का एक साथ आना बहुत जरूरी है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण ही देश में विकास कार्यों में बाधा आ रही है और सरकारी कर्मचारी अपनी मनमानी करने में लगे हैं। उन्होंने दावा किया कि ओली के साथ कांग्रेस की सत्ता यात्रा की शुरुआत जल्द होने वाली है। इसी तरह कांग्रेस पार्टी के महामंत्री गगन थापा ने भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में कांग्रेस और एमाले के बीच सत्ता गठजोड़ की प्रबल संभावना जताई है। गगन थापा ने कहा कि दो प्रमुख दल जिसके पास 90 और 78 सीटें है, ये दोनों दल चुनाव के डेढ़ साल बाद भी सत्ता का नेतृत्व नहीं पाए और 32 सीटों वाले माओवादी, इन दोनों दल के साथ बारी-बारी से समर्थन लेकर अपनी सरकार चला रहा है।
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राजनैतिक चरित्र का खामियाजा
प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड को एक अस्थिर नेता बताते हुए कांग्रेस के महामंत्री गगन थापा ने कहा कि प्रचण्ड की अस्थिर राजनैतिक चरित्र का खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। पिछले आमचुनाव के बाद प्रचण्ड सिर्फ सत्ता समीकरण ही बदल रहे हैं, जिसके कारण बाकी विकास कामों में सरकार का ध्यान नहीं है। थापा ने कहा कि एमाले की तरफ से संकेत मिलते ही छोटे दलों के दबाब की ताकत खत्म हो जाएगी और कांग्रेस-एमाले मिलकर सरकार चलाएंगे।
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प्रचण्ड सरकार को समर्थन
इन दोनों नेताओं की तरह कांग्रेस के एक और प्रभावशाली नेता डॉ. शशांक कोइराला ने तो बजट तक सरकार परिवर्तन का दावा कर दिया है। उन्होंने एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस और एमाले के बीच बजट से पहले सरकार बदले या बजट के बाद, इसे लेकर चर्चा चल रही है। डॉ. शशांक का दावा है कि एमाले अध्यक्ष ओली ने मजबूरी में प्रचण्ड सरकार को समर्थन दिया है।
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कई चरण की बातचीत
कांग्रेस के इन दावों को लेकर एमाले पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हालांकि एमाले अध्यक्ष केपी शर्मा ओली कई बार इस सरकार को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने सत्ता में अपने सहयोगी दल माओवादी और एकीकृत समाजवादी के शीर्ष नेतृत्व की आलोचना शुरू कर दी है। लेकिन साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को एक महीने तक के लिए कोई विरोध नहीं करने का निर्देश दिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो ओली और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच कई चरण की बातचीत हो चुकी है। बस सही समय का इंतजार है।
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