Delhi Jal Board Scam: भारतीय जनता पार्टी (B J P) की दिल्ली इकाई(Delhi Unit) ने 8 अप्रैल को दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले का खुलासा किया और इसकी जांच सीबीआई(CBI) से कराने की मांग की।
9 साल में 28,400 करोड़ रुपये बेहिसाब
यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा लम्बे समय से कहती रही है कि दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से बड़ा है और आम आदमी पार्टी के नेता इससे बचने का हमेशा प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि पिछले 9 साल में 28,400 करोड़ रुपये बेहिसाब हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं है।
जल बोर्ड पर 73,000 करोड़ रुपये का कर्ज
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 2013 से जल बोर्ड में शुरु हुए घोटालों का खेल आज उस मुकाम पर पहुंच चुका है कि अब जल बोर्ड 73,000 करोड़ रुपये के कर्जों में डूबा है और उसकी पूर्ति के लिए दिल्ली की जनता को ठगने का प्लान भी तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली की जल मंत्री आतिशी कहती है कि उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ साल 2016-17 से अभी तक जल बोर्ड के खाते का ऑडिट ही नहीं किया गया है। मंत्री आतिशी को इतनी समझ होनी चाहिए कि आडिट के बिना असीमित समय तक किसी भी सरकारी विभाग को पैसा देना गैर कानूनी है और इस कारण आज जल बोर्ड में घोटाले जैसी स्थिति बन गई है।
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74 फीसदी पानी का कोई हिसाब नहीं
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 9 मार्च को आतिशी द्वारा लिखे गए पत्र में जो जानकारी आई है, उससे कई बातों का खुलासा हुआ है। पत्र से मिली जानकारी के अनुसार 59 फीसदी पानी से कोई रेवेन्यू नहीं आता और अतिरिक्त 15 फीसदी पानी के उपयोग पर कोई पारदर्शिता नहीं है। आज दिल्ली जल बोर्ड में 74 फीसदी पानी का कोई हिसाब नहीं हो रहा। यानी सिर्फ 26 फीसदी पानी से ही पूरा जल बोर्ड चल रहा है। इतना ही नहीं 2021- 22 के तो खाते ही गायब हैं। दिल्ली जल बोर्ड केजरीवाल के भ्रष्टाचार का प्रमुख अड्डा बन चुका है।
पानी मुफ्त नहीं
उन्होंने कहा कि पानी के बिल की हकीकत यह है कि रिहायशी इलाकों में 30 किलो लीटर पानी को 790 रुपये, सर्विस चार्ज 219 रुपये और फिर सीवर चार्ज 474 रुपये और दोनों को मिलाकर 1484 रुपये बनते हैं। अगर प्रति लीटर पानी की बात करें तो 49 रुपये किलो लीटर होता है। यानी मुफ्त पानी देने की बात करने वाले केजरीवाल सरकार 49 रुपये प्रति किलो लीटर पानी दे रही है। इसके साथ ही कमर्शियल में लगभग 80 रुपये के आसपास एक किलो लीटर पानी के लिए देना पड़ता है।