नक्सली हमला: एक वीर बेटी की गुहार… सुनकर आंखों से नीर और दिल फटने लगता है!

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दस दिनों के बीच दूसरा बड़ा हमला सुरक्षा बलों पर हुआ है। इस हमले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाने की बात कही है। गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों का समूल नष्ट करने की चेतावनी दी है।

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सुनो ओ आस्तीनों के सांपों… वो एक नन्हीं बिटिया है। अपने पापा के लिए पुकार लगा रही है। तुम्हारी भी तो बेटी होगी। कभी वो भी पुकारेगी। ये वीर की बेटी है, आज ये पुकार रही है लेकिन याद रखो उन 22 बलिदानियों के परिवारों को जिनकी आखों में आंसू, जीवन में अंतहीन दुख तुमने सजा दिया है। उनके रक्त की एक-एक बूंद का हिसा तुमसे हिंदुस्थान लेगा।

जान लेना कोबरा बटालियन के वीर कमांडो राजेश्वर सिंह मनहास की बेटी की यह गुहार तो आशाओं से निकल रही है। वर्ना यहां तो बेटियां भी रणचंडी, जीजामाता और राणी लक्ष्मीबाई का अवतार लेकर जन्मती हैं। उस 3 अप्रैल, 2021 को बीजापुर और सुकमा की सीमा पर जो तुमने किया है ना इसकी गूंज तुम्हारे जीवन का अंत करके ही शांत होगी। तुम दुश्मन के हथियार से रण करते हो ना, तुम्हारा अब ये छलावा बहुत दिनों तक नहीं चलेगा। हिंदुस्थान अब आर-पार करने की तैयारी में है। तुम्हारा बाप चीन जब घुटने टेक कर पीछे लौट जाता है तो तुम्हें मौत की नींद सुलाने में कितना समय लगेगा।

वैसे तुम्हें बता दूं कि, देश तुम्हें अपना मानता रहा और तुम देशद्रोह करके मातृभूमि के सीने को छलनी करते रहे हो। इसके पश्चात भी तुम देश के गुमराह लाल हो यही समझकर अवसर देते रहे कि कभी तो तुम अपनी गलती को स्वीकार करोगे। लेकिन, तुम्हें तो माओ की औलाद बनकर जीने में बड़ा सम्मान लगता है। जबकि उसने तुम्हें अपराधी बनाकर छोड़ दिया है। तुम अपराधी समाज के हो, देश के हो और संपूर्ण मानवता के हो…

मातृभूमि की रक्षा में वीरगति का वरण
वैसे बता दें कि, आप तो हमारे साथ ही हैं ना। आपके लिए ही हम खबरें लिखते, वीडियो बनाते रहते हैं। तो एक बार बता देते हैं उस दिन की घटना जिसने देश के दिल को छलनी कर दिया है। उस दिन 3 अप्रैल, 2021 थी। छत्तीसगढ़ के बीजापुर एवं सुकमा के सीमावर्ती तर्रेम थाने के अंतर्गत गुण्डम, टेकलागुडम, जोनागुडम, अलीगुडम के जंगल में माआवोदियों की बटालियन पीएलजीए बटालियन नं-1 के उपस्थिति की सूचना मिली थी। जिसके उपरांत बीजापुर डीआरडी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ का संयुक्त बल वहां के लिए निकल पड़ा। दोपहर के लगभग 12 बजे इन जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ शुरू हुई।

इस मुठभेड़ में डीआरजी के 8, एसटीएफ के 6, कोबरा बटालियन के 7, बस्तर बटालियन के 1 जवान ने मातृ भूमि की रक्षा में वीरगति का वरण कर लिया। इसमें 13 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिन्हें एयरलिफ्ट करके रायपुर उपचार के लिए भेजा गया है। इसके अलावा 18 जवानों का उपचार बीजापुर अस्पताल में चल रहा है।

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