Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने बिना शर्त महायुति को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। मुंबई के छत्रपति शिवाजी पार्क में गुड़ी पड़वा के अवसर पर उन्होने यह घोषणा की। मनसे प्रमुख नेलोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं केवल नरेंद्र मोदी के लिए बिना शर्त महायुती को समर्थन दे रहा हूं। इसके साथ ही उन्होंने मनसे नेताओं और कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगने का आदेश दिया।
लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे की भूमिका को लेकर काफी दिनों से असमंजस की स्थिति थी। लेकिन अब राज ठाकरे की इस घोषणा से सभी तरह के असमंजस दूर हो गए हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने जताया आभार
इस बीच भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति को समर्थन करने करने के लिए राज ठाकरे का आभार माना है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में विश्वास है।विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए,एक मजबूत महाराष्ट्र के निर्माण के लिए,मैं भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के महागठबंधन का समर्थन करने के लिए मनसे प्रमुख राज ठाकरे जी का बहुत आभारी हूं।”
सस्नेह स्वागत !
मा. पंतप्रधान नरेंद्र मोदीजी यांच्या कुशल नेतृत्त्वावर विश्वास ठेवत,
विकसित भारताचे स्वप्न साकार करण्यासाठी,
भक्कम महाराष्ट्राच्या उभारणीसाठी,
भाजपा, शिवसेना आणि राष्ट्रवादी काँग्रेस महायुतीला पाठिंबा दिल्याबद्दल मी मनसेचे प्रमुख श्री राज ठाकरे जी यांचा अत्यंत…— Devendra Fadnavis (Modi Ka Parivar) (@Dev_Fadnavis) April 9, 2024
आधिकारिक घोषणा नहीं होने से था असमंजस
राज ठाकरे को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में तरह-तरह की चर्चाएं जारी थीं। पिछले दिनों उन्होंने अपने बेटे अमित ठाकरे के साथ दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी। उसके बाद से ऐसा कहा जा रहा था कि उनकी पार्टी महायुति के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। लेकिन काफी दिनों तक इस बारे में कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई। अब 9 अप्रैल को राज ठाकरे ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में अपना स्टैंड स्पष्ट कर सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया।
महाविकास आघाड़ी में बढ़ सकती है बेचैनी
समझा जा रहा है कि वे महायुति के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार भी कर सकते हैं और इसका लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है। राज ठाकरे के बिना शर्त महायुति को समर्थन मिलने से महाविकास आघाड़ी के नेताओं में बेचैनी बढ़ सकती है। क्योंकि इससे उनके वोट बैंक में सेंध लगने का खतरा है।