Assam: मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने 12 अप्रैल को कांग्रेस के निवर्तमान सांसद तथा जोरहाट के प्रत्याशी गौरव गोगोई द्वारा ईद के मौके पर नमाज पढ़ने से संबंधित तस्वीर सोशल मीडिया के जरिए शेयर करते हुए सवाल उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईद पर नमाज पढ़ने वाले गौरव गोगोई उस समय राहुल गांधी के साथ नगांव में धरना पर बैठे हुए थे, जिस समय अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही थी।
हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई ने हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि वोट के लिए ईद में नमाज पढ़ना राज्य के मुस्लिम वोटरों को खुश करने के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि असम में हिंदू वोटर भी हैं, उन्हें खुश करने के लिए गौरव गोगोई को मंदिरों में भी जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस्लाम धर्म के लोगों को ईद के मौके पर शुभकामनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, स्वयं मुख्यमंत्री डॉ सरमा से लेकर तमाम भाजपा नेताओं ने दी है। लेकिन, किसी ने नमाज नहीं पढ़ा।मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि गौरव गोगोई को मुस्लिम समाज के लोगों की भलाई से कोई लेना देना नहीं है।
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राहुल गांधी की चमचागिरी के लिए धरने पर बैठे गोगोई
गौरव गोगोई को कभी मुसलमानों के नौकरी मिलने की चिंता नहीं है। उन्होंने कभी मुसलमान बच्चियों के बाल विवाह को लेकर चिंता जाहिर नहीं की। उन्होंने कभी तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं की चिंता नहीं की। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि गौरव को राहुल गांधी की चमचागिरी करने के लिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी किस धर्म के हैं यह उन्हें पता नहीं है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने भगवान कृष्ण को लव जिहादी करार दिया, उस दिन गौरव गोगोई ने उसका विरोध नहीं किया। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने गौरव गोगोई पर इस प्रकार के कई आरोप लगाए।
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