पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। योग गुरु रामदेव बाबा (Yoga Guru Ramdev Baba) को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उनसे योग शिविर (Yoga Camp) के लिए सर्विस टैक्स (Service Tax) चुकाने को कहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 19 अप्रैल को अपीलीय न्यायाधिकरण (Appellate Tribunal) के फैसले को बरकरार रखा। इसमें पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट (Patanjali Yogpeeth Trust) को आवासीय और गैर-आवासीय दोनों योग शिविरों के संचालन के लिए प्रवेश शुल्क लेने के लिए सेवा कर के भुगतान के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओक और न्यायमूर्ति उज्वल भुइयां की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि न्यायाधिकरण ने सही फैसला दिया है कि शिविरों में शुल्क लेकर योग करना एक सेवा है। हमें उस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता।
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सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, मेरठ रेंज के आयुक्त ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को अक्टूबर 2006 और मार्च 2011 के बीच आयोजित ऐसे शिविरों के लिए जुर्माना और ब्याज के साथ लगभग 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था। ट्रस्ट ने तर्क दिया था कि वह इसके लिए सेवाएं प्रदान कर रहा था। रोगों का उपचार यह ‘स्वास्थ्य और फिटनेस सेवाओं’ श्रेणी के तहत कर योग्य नहीं है। लेकिन ट्रिब्यूनल ने कहा कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट का दावा किसी भी सकारात्मक सबूत द्वारा समर्थित नहीं है।
ट्रिब्यूनल ने कहा था, ‘इन शिविरों में योग और ध्यान किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे समूह को एक साथ सिखाया जाता है। किसी भी व्यक्ति की किसी विशेष बीमारी/शिकायत के निदान या उपचार के लिए कोई नुस्खा नहीं लिखा जाता है। ट्रस्ट ने शिविर प्रवेश शुल्क दान के रूप में एकत्र किया है। उन्होंने अलग-अलग कीमतों के प्रवेश टिकट जारी किए थे। टिकट धारक को टिकट के मूल्य के आधार पर विभिन्न विशेषाधिकार दिए गए थे। पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट द्वारा आयोजित योग शिविर जो शुल्क लेते हैं, स्वास्थ्य और फिटनेस सेवाओं की श्रेणी में आते हैं और ऐसी सेवाओं पर सेवा कर लागू होता है।
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