Delhi riots: उमर खालिद की जमानत याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें पूरी, इस तिथि को होगी सुनवाई

दिल्ली पुलिस की ओर से 9 अप्रैल को दलीलें पूरी कर ली गई थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट खारिज कर चुका है।

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Delhi riots: दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में 24 अपैल को दिल्ली दंगा मामले के आरोपित उमर खालिद की जमानत याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें पूरी हो गईं। एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने उमर खालिद को 10 दिनों के अंदर लिखित दलीलें पेश करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी।

खालिद के वकील की दलील
सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पेस ने कहा कि दिल्ली पुलिस चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग इस तरह से कर रही है, जैसे कोई मंत्र हो। चार्जशीट में बार-बार नाम लेने और झूठ बोलने से कोई तथ्य सच साबित नहीं हो जाएगा। उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल भी चलाया गया। जमानत पर फैसला लेते समय कोर्ट को हर गवाह और दस्तावेज का परीक्षण करना होगा। उन्होंने भीमा कोरेगांव मामले में वर्नोन गोंजाल्वेस और शोमा सेन के मामले का जिक्र करते हुए उमर खालिद की जमानत की मांग की।

10 अप्रैल को दी थी दलील
पेस ने 10 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कहा था कि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि आतंकी गतिविधि को अंजाम दिया गया, इसलिए उमर खालिद के खिलाफ यूएपीए की धारा 15 नहीं लगाई जा सकती है। पेस ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि उमर खालिद ने गुप्त बैठकें की। उन्होंने कहा था कि अभियोजन पक्ष ये कह रहा है कि उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दफ्तर में मिले। अभियोजन के इस कथन का आधार केवल गवाह का बयान और सीडीआर है। उन्होंने पूछा कि क्या जमानत नहीं देने के लिए सीडीआर पर भरोसा किया जा सकता है। सीडीआर के मुताबिक भी सभी आरोपित दिए गए समय और तिथि पर एक साथ नहीं थे।

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दिल्ली पुलिस के वकील ने दी थी यह दलील
दिल्ली पुलिस की ओर से 9 अप्रैल को दलीलें पूरी कर ली गई थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा था कि हाई कोर्ट ने सेशंस कोर्ट के जमानत खारिज करने के फैसले पर पूरी सहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि जमानत पर विचार करते समय सभी तथ्यों पर विचार किया जाना चाहिए। अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नहीं कहा जा सकता है कि जांच में कई गड़बड़ियां हैं। ये आरोप मुक्त करने की याचिका नहीं है।

 दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका कर दी थी खारिज
उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका वापस लेकर कहा था कि अब वे ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वो जेल में है। इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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