Mayor Election: दिल्ली के उप राज्यपाल( ) विनय कुमार सक्सेना के रुख से साफ है कि जब तक मुख्यमंत्री सलाह नहीं देंगे, तब तक वह पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करेंगे। इसका मतलब है कि जब तक मुख्यमंत्री जेल से बाहर नहीं आएंगे तब तक दिल्ली नगर निगम के महापौर और उपमहापौर का चुनाव नहीं होगा।
दिल्ली नगर निगम के महापौर और उप महापौर का चुनाव टल गया है। उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के बारे में सलाह न मिलने पर चुनाव को टाल दिया गया। दिल्ली में मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारणल तथा अब महापौर और उप महापौर का पद खाली होने से दिल्ली में आम लोगों की तकलीफें बढ़ गई हैं।
राज्यपाल ले सकते हैं निर्णय, लेकिन…
जेल से सरकार चलाने पर अड़ी आम आदमी पार्टी के लिए संकट की स्थिति आ गई है। इसके लिए या तो अब कोर्ट से कोई निर्णय हो या फिर केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद इस पर निर्णय हो, तभी दिल्ली को नया महापौर मिल सकता है। अगर केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आते हैं और कोर्ट से भी समाधान नहीं निकाला जाता है तो संभवत यह प्रक्रिया राज्यपाल तभी स्वयं पूरी कर सकते हैं, जब दिल्ली में चुनी हुई सरकार ना हो। ऐसा तभी हो सकता है,जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा हो।
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फाइलों का अंबार
मुख्यमंत्री केजरीवाल की जेल से ही सरकार चलाने की जिद का असर अब दिखने लगा है। दिल्ली में कामकाज पर असर पड़ने लगा है। रोजमर्रा से जुड़ी हुई 3000 फाइलों का ढेर लग गया है।
पहले भी टले हैं चुनाव
वर्ष 2014 में महापौर का चुनाव होना था, लेकिन चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के चलते 10 अप्रैल के बाद करने का निर्देश दिया था।
वर्ष 2020-2021 में कोरोना के बढ़ते पर प्रकोप के कारण महापौर का चुनाव नहीं हो पाया था। यह चुनाव तीन माह देरी से हुए थे।
इस बार स्थिति अलग
इस बार की स्थिति भिन्न है। दिल्ली नगर निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता कहते हैं कि उपराज्यपाल के रख से स्पष्ट है कि वह तब तक पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करेंगे,जब तक, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन्हें सलाह ना देंगे। लेकिन उप राज्यपाल का यह रुख सही है या गलत इसका निर्णय कोर्ट कर सकता है।