Lok Sabha Elections: पश्चिम बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के एक बयान ने कांग्रेस के लिए खासी मुश्किल खड़ी कर दी है।लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे अधीर रंजन चौधरी ने एक चुनावी सभा में कहा था- ‘अगर कांग्रेस को नहीं तो भाजपा को वोट दें, लेकिन टीएमसी को नहीं।’ पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने यह वीडियो नहीं देखा है । उन्होंने यह भी कहा है कि किस संदर्भ में उन्होंने यह बात कही, उन्हें यह पता नहीं है।
बहरामपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं अधीर रंजन चौधरी
एक वायरल वीडियो के बाद से चर्चा है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बहरामपुर लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस और लेफ्ट का चुनाव जीतना जरूरी है। यदि कांग्रेस और लेफ्ट चुनाव नहीं जीते तो भारत की धर्मनिरपेक्षता को नुकसान होगा। लोकसभा सीट पर वाम-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार मुर्तुजा हुसैन के समर्थन में लालगोला चुनावी सभा में अधीर चौधरी ने कथित तौर पर यह भी कहा कि तृणमूल को वोट देने की तुलना में भाजपा को वोट देना कहीं बेहतर है।
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भाजपा के खिलाफ है कांग्रेसः जयराम रमेश
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि वे यहां पर स्पष्ट कर देना जरूरी समझते हैं कि कांग्रेस पार्टी का एक ही लक्ष्य 2019 में भाजपा को जो सीटें मिली थीं, उसमें कमी लाना है। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा चुनाव नहीं लोकसभा चुनाव है। यहां वामपंथी पार्टियां और कांग्रेस गठबंधन में है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि हम टीएमसी के साथ सीट-बंटवारा नहीं कर सके लेकिन ममता बनर्जी ने भी कहा है कि टीएमसी इंडी गठबंधन का हिस्सा है।
टीएमसी और कांग्रेस में सहमति नहीं
उल्ल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, हालांकि कांग्रेस का लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन है और कांग्रेस ने लेफ्ट के लिए 12 सीटें छोड़ी हैं। इन 12 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस ( टीएमसी) राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। ममता बनर्जी कांग्रेस, भाजपा और लेफ्ट पार्टियां पर एक-दूसरे की मदद करने का आरोप लगाती रही हैं। अधीर रंजन चौधरी के बयान के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच कलह बढ़ गई है।