उत्तराखंड (Uttarakhand) में गर्मी (Heat) से कुछ राहत मिली है, लेकिन जंगलों (Forests) में आग (Fire) लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को राज्य में 24 घंटे के भीतर आग की 40 नई घटनाएं हुईं, जिसमें कुल 46 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। वन विभाग (Forest Department) जंगलों में आग लगाने वालों को गिरफ्तार (Arrested) करने और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज (Case Registered) करने की कार्रवाई भी कर रहा है।
वन अपराध के तहत कुल 315 मामले दर्ज किए गए हैं और जंगल की आग के संबंध में अब तक 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, फायर सीजन के दौरान कुल 761 घटनाओं में 949 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। उत्तराखंड में जंगलों का जलना जारी है। वन विभाग सेना की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है।
267 मामले अज्ञात लोगों के खिलाफ और 48 मामले ज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किये गये हैं। वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम शुरू किया गया है। साथ ही जंगल की आग की जानकारी देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं।
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18001804141, 01352744558 पर काल कर कोई भी विभाग को जंगल की आग की सूचना दे सकता है। साथ ही 9389337488 और 7668304788 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की घटना के बारे में जानकारी दी जा सकती है।
टेहरी बांध प्रथम वन प्रभाग, नैनीताल वन प्रभाग, भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग, अल्मोडा वन प्रभाग, नागरी सोयम अल्मोडा वन प्रभाग, तराई पूर्वी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, मसूरी वन प्रभाग, लैंसडाउन भूमि संरक्षण प्रभाग, वन प्रभाग, भूमि संरक्षण, वन प्रभाग, वन प्रभाग, नगरी सोयम अल्मोडा वन प्रभाग। सोयम पौडी वन प्रभाग, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग आदि में अब तक दो फायर मैन समेत चार लोग आग में फंस चुके हैं।
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