भारत (India) के दक्षिण-पश्चिमी तट (South-West Coast) पर स्थित द्वीपों (Islands) के समूह लक्षद्वीप (Lakshadweep) की संस्कृति समृद्ध (Culture Rich) और विविधतापूर्ण (Diverse) है, जो इसकी अनूठी भूगोल, इतिहास और सदियों से द्वीपों पर बसे विभिन्न समुदायों के प्रभाव से आकार लेती है।
लक्षद्वीप की समृद्ध संस्कृति की खोज, कालातीत परंपराओं, प्राकृतिक सौंदर्य और गर्मजोशी भरे आतिथ्य की दुनिया की झलक प्रदान करती है, जो इन मनमोहक द्वीपों के आश्चर्यों में डूबने के इच्छुक यात्रियों के लिए वास्तव में एक अविस्मरणीय अनुभव बनाती है।
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स्वदेशी संस्कृति
लक्षद्वीप के स्वदेशी लोग मुख्य रूप से मलयाली मूल के हैं, जिन पर द्रविड़ और अरब संस्कृतियों का गहरा प्रभाव है। उनकी जीवन शैली समुद्र के इर्द-गिर्द घूमती है, क्योंकि मछली पकड़ना और नारियल की खेती प्राथमिक व्यवसाय हैं। द्वीपों के पारंपरिक संगीत, नृत्य और कला रूप अक्सर इस समुद्री विरासत को दर्शाते हैं।
भाषा और धर्म
लक्षद्वीप में बोली जाने वाली मुख्य भाषा मलयालम है, हालाँकि दिवेही की एक बोली महल भी बोली जाती है। इस्लाम प्रमुख धर्म है, जिसे अरब व्यापारी और मिशनरी सदियों पहले द्वीपों पर लाए थे। मस्जिदें समुदाय के सामाजिक और धार्मिक जीवन का अभिन्न अंग हैं।
भोजन
लक्षद्वीप का भोजन दक्षिण भारतीय और अरब दोनों तरह के स्वादों से प्रभावित है। समुद्री भोजन, नारियल और चावल मुख्य भोजन हैं, और टूना करी, नारियल आधारित स्टू और विभिन्न प्रकार की ब्रेड जैसे व्यंजन लोकप्रिय हैं। मसालों का उपयोग मध्यम है, जिससे सामग्री के प्राकृतिक स्वाद को चमकने की अनुमति मिलती है।
पारंपरिक पोशाक
पुरुषों के लिए पारंपरिक पोशाक में एक सफेद मुंडू (कमर के चारों ओर लपेटा जाने वाला कपड़ा) और एक शर्ट शामिल है, अक्सर एक हेडस्कार्फ़ के साथ। महिलाएँ आमतौर पर एक रंगीन पोशाक पहनती हैं जिसे मुंडम नेरयाथुम कहा जाता है, जिसे शरीर के चारों ओर सुरुचिपूर्ण ढंग से लपेटा जाता है।
शिल्प
लक्षद्वीप अपने कुशल कारीगरों के लिए जाना जाता है जो कॉयर उत्पाद, नारियल के खोल की नक्काशी और सजावटी लकड़ी के काम जैसे जटिल हस्तशिल्प बनाते हैं। ये शिल्प न केवल आय के स्रोत के रूप में काम करते हैं बल्कि द्वीपवासियों की कलात्मक प्रतिभा को भी प्रदर्शित करते हैं।
त्यौहार और समारोह
त्योहार लक्षद्वीप के सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ईद-उल-फ़ितर और ईद-उल-अज़हा को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, साथ ही स्थानीय त्यौहार जैसे उरुस भी मनाए जाते हैं, जो मुस्लिम संतों के द्वीपों पर आगमन की याद दिलाता है। इन त्यौहारों को प्रार्थना, दावत और सांप्रदायिक समारोहों द्वारा चिह्नित किया जाता है।
पर्यावरण संरक्षण
लक्षद्वीप की संस्कृति अपने प्राकृतिक परिवेश से गहराई से जुड़ी हुई है, और पर्यावरण संरक्षण पर बहुत ज़ोर दिया जाता है। द्वीपवासियों में समुद्र और उसके संसाधनों के लिए गहरा सम्मान है, वे संधारणीय मछली पकड़ने के तरीकों का अभ्यास करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
कुल मिलाकर, लक्षद्वीप की संस्कृति परंपरा और आधुनिकता का एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है, जो द्वीप के समृद्ध इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता में निहित है। (Lakshadweep Culture)
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