टीके पर झिकझिक! ऐसे कैसे हारेगा कोरोना?

महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कुछ अन्य राज्यो ने जहां केंद्र सरकार पर वैक्सीन की कमी को लेकर निशाना साधा है, वहीं केंद्र ने करारा जवाब देते हुए इस तरह के आरोप को बेबुनियाद बताया है।

150

देश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कुछ अन्य राज्यो ने जहां केंद्र सरकार पर वैक्सीन की कमी को लेकर निशाना साधा है, वहीं केंद्र ने करारा जवाब देते हुए इस तरह के आरोप को बेबुनियाद बताया है। इस आरोप को लेकर केंद्र ने महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखा है।

केंद्र ने इस पत्र में इन राज्यों में कोरोना विस्फोट के लिए वहां की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए औसत से कम टीकाकरण होने का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब के प्रधान सचिवों को लिखे गए इस पत्र में अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव मनोहर अग्नानी ने इन राज्यों में टीकाकरण प्रणाली में सुधार की जरुरत बताई है। उन्होंने लिखा है कि इन प्रदेशों में टीकाकरण का प्रदर्शन देश के औसत से काफी नीचे है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कही ये बात
अग्नानी  के इस पत्र से पहले भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इन राज्य की सरकारों की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के साथ ही कुछ अन्य राज्य पात्र लोगों का टीकाकरण किए बिना टीके की मांग कर अपनी असफलता को छिपाने की कोशिश कर रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना को लेकर इन राज्य की सराकरों द्वारा लोगों में आतंक फैलाने के भी आरोप लगाए थे।

ये भी पढ़ेंः कोविड-19 संक्रमण: क्या घर-घर होगा टीकाकरण? जानें केंद्र सरकार का उत्तर

टीकाकरण अभियान में सुधार की जरुरत
स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली को केंद्र सरकार द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि इन राज्यों में कोरोना टीकाकरण अभियान में प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए सुधार की आवश्यकता है। पत्र में इसके लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है कि इस महामारी की रोकथाम के लिए वर्तमान टीकाकरण अभियान में सतत सहयोग की जरुरत है।

ये है आंकड़ा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन राज्यों में दूसरी खुराक का प्रतिशत मात्र 27.36 प्रतिशत है, जबकि देश भर में औसत 51.49 प्रतिशत है। आंकड़ा बताता है कि महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली में टीकाकरण का औसत काफी नीचे है तथा निश्चित रुप से इसे बेहतर बनाने की जरुरत है।

वैक्सीन की कमी की शिकायत
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार पर वैक्सीन की कमी की शिकायत करते हुए इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने वैक्सीन की कमी का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार
पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि वैक्सीन की कमी होने से लोगों को वैक्सीन सेंटर से लौटना पड़ रहा है।महाराष्ट्र में वैक्सीन का स्टॉक मैच 3 दिन का ही बचा हुआ है।

पवार ने कही केंद्र सरकार के सहोयग करने की बात
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि इस कठिन समय में केंद्र सरकार, राज्य सरकार का सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि इस खतरे से केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर लड़ना होगा।

इन राज्यों में कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा
देश में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पंजाब सहित कुल 8 राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इनमें महाराष्ट्र पहले क्रमांक पर है। इस राज्य में कोरोना संक्रमण देश के 50 प्रतिशत से भी अधिक है। हालांकि प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने तमाम तरह की बंदिशे लगाई हैं, लेकिन कोरोना विस्फोट रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

महाराष्ट्र की स्थिति ज्यादा खराब
अगर इसी तेजी से यहां कोरोना संक्रमण बढ़ता रहा तो 30 अप्रैल तक अकेले महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामले 11 लाख के पार कर जाएंगे। तब अस्पतालों में जहां कोरोना मरीजों के लिए जगह नहीं होगी, वहीं वेंटिलेटर की उपलब्धता भी मुश्किल हो जाएगी। बता दें कि 7 अप्रैल को अकेले महाराष्ट्र में 60 हजार नये मामले आए थे। यह महामारी की शुरुआत से सबसे बड़ा आंकड़ा है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.