अब नागपुर के कोविड अस्पताल में अग्नितांडव, चार की गई जान

नागपुर के अस्पताल में लगी आग

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नागपुर अमरावती मार्ग पर स्थित कोविड 19 अस्पताल में आग लग गई थी। यह आग वेल ट्रीट अस्पताल मे लगी थी। आग लगभग रात 8.30 बजे लगी थी। इस दुर्घटना में मरीजों के मृत्यु की प्रारंभिक जानकारी मिली है।

27 मरीजों को किया गया स्थानांतरित
वेल ट्रीट अस्पताल 30 बेड वाला है। यहां दिन में तीन मरीजों को छुट्टी दे दी गई थी। जिसके बाद 27 मरीज भर्ती थे। अचानक रात में आग लग गई। आग लगने अस्पताल में धुंआ भर गया। सभी मरीजों को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। इस बीच कुछ कर्मचारी और मरीजों के घायल होने की जानकारी मिली है। जिसमें गंभीर रूप से घायल चार मरीजों की मृत्यु की जानकारी मिली है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

इस दुर्घटना के सभी मरीजों को मेयो, लता मंगेेशकर और जीएमसी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। इस बीच अस्पताल प्रशासन ने बताया कि एक डॉक्टर भी आग से घायल है। इस आग में चार मरीजों की मुत्यु की जानकारी मिली है। यह अस्पताल डॉ राहुल ठवरे का बताया जाता है।

ऐसे लगी आग
वेल ट्रीट अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगी थी। आग लगने के पीछे शॉर्ट सर्किट कारण माना जा रहा है। जब आग लगी तो वार्ड में दस मरीज भर्ती थे। यह अस्पताल नागपुर अमरावती मार्ग पर वाडी में स्थित है। यह मल्टिस्पेशालिटी अस्पताल है।

अस्पतालों पर आफत…

जंबो कोविड सेंटर में आग
4 अप्रैल को आग लगने से दहिसर के जंबो कोविड सेंटर में आग लग गई थी। जिसके बाद भगदड़ मच गई। इस सेंटर में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती थे। लेकिन दमकल विभाग के कर्मचारियों ने बहुत ही दक्षता के साथ आग पर नियंत्रण पा लिया और एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।

भांडुप के ड्रीम्ज मॉल के अस्पताल में आग
25 मार्च की रात 11 बजकर 59 मिनट पर अचानक भांडुप, ड्रीम्ज मॉल के तीसरे मजले पर स्थित सनराइज अस्पताल में आग लग गई। इसके बाद अस्पताल में धुंआ पसर गया। इस अस्पताल में कोविड-19 के 73 संक्रमित और 3 तीन सामान्य मरीज भर्ती थे।
इस दुर्घटना में दस मरीजों की मौत हो गई थी।

भंडारा में भी हो चुका है अग्निकांड
9 जनवरी, 2021 महाराष्ट्र के ही भंडारा सरकारी अस्पताल में आग लग गई थी। यह आग नवजातों के विशेष कक्ष मे लगी थी। इस दुर्घटना में 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि बगल के कक्ष में भर्ती सात नवजातों को बचा लिया गया था। इस दुर्घटना की जांच के लिए विशेष जांच कमेटी बनाई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल की दो कर्मियों पर लापरवाही का मामला पाया गया था।

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