अब फेशियिल एक्सप्रेशन डिटेक्शन सिस्टम से रुकेंगी वाहन दुर्घटनाएं!

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए देश के 15 इंजिनियरों ने एक उपकरण का आविष्कार किया है। यह उपकरण वाहन चालक के चेहरे का भाव पढ़कर केवल खतरे से आगाह ही नहीं करेगा बल्कि वाहन की गति को कम कर देगा।

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देश में हर वर्ष करीब साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें लगभग 1.5 लाख लोगों की जान चली जाती है। इन दुर्घटनाओं के कई कारण होते हैं। लेकिन एक प्रमुख कारण वाहन चालकों का शराब के नशे में होना या झपकी आना होता है। इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए देश के 15 इंजिनियरों ने एक उपकरण का आविष्कार किया है। यह उपकरण वाहन चालक के चेहरे का भाव पढ़कर केवल खतरे से आगाह ही नहीं करेगा बल्कि वाहन की गति को कम कर देगा।

इस उपकरण का कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया में नवाचार श्रेणी में पेटेंट कराया गया। इन 15 इंजिनियरों में मध्य प्रदेश के विदिशा स्थित सम्राट अशोक अभियांत्रिकीय संस्थान के सहायक व्याख्याता डॉ. आशीष खेरा भी शामिल हैं। इस टीम का नेतृत्व आर्मी इंस्टीट्यूट बेंगलुरू के प्रोफेसर ए. नरसिम्हा वेंकटेशन ने किया।

फेशियिल एक्सप्रेशन डिटेक्शन सिस्टम दिया नाम
डॉ. आशीष ने इस उपकरण के बारे में बताया कि करीब दो साल की मेहनत के बाद स्मार्ट फोन से थोड़ा बड़े आकार का यह उपकरण डिजाइन किया गया है। इसे फेशियिल एक्सप्रेशन डिटेक्शन सिस्टम नाम दिया गया है। इस उपकरण में सेंसर लगा है, जो चेहरे और आंखों के भाव पर नजर रखता है। उपकरण वाहन के डैशबोर्ड पर लगा होगा। वाहन चलाते समय अगर ड्राइवर की आंखें एक मिनट बंद रहती है तो इससे जुड़ा सिस्टम सक्रिय हो जाएगा और वाहन की गति कम कर देगा। वहीं वाहन में लगा अलार्म भी बजने लगेगा।

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इंटरनेट की एक साइट पर मिले थे इंजिनियर
बता दें कि इस उपकरण को डिजाइन करनेवाले 15 इंजिनियर इंटरनेट मीडिया की एक साइट पर मिले थे। इसी के बाद सभी ने उपकरण तैयार करने के लिए इंटरनेट के जरिए ही बातचीत की। सबसे पहले ए. नरसिम्हा वेंकटेश ने देश में बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक उपकरण तैयार करने की बात कही थी। उसके बाद ही अलग-अलग शहरों के 15 इंजिनियरों ने एक साथ आकर इस उपकरण को तैयार किया।

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