Pune car accident: पुणे दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को जब 22 मई को पुलिस ने पेश किया तो पुणे में वंदे मातरम संगठन की ओर से उन पर स्याही फेंकने की कोशिश की गई। इस मामले में वंदे मातरम संगठन ने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की जाए। संगठन की ओर से आरोप लगाया गया है कि नाबालिग बेटे की तरह उसका पिता भी गैरजिम्मेदार है।
आरोपी के पिता का मुंह काला करने आए थे वंदे मातरम संस्था के लोग
वंदे मातरम संस्था के लोग विशाल अग्रवाल को सबक सिखाने के लिए उनका मुंह काला करने आए थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा- ‘विशाल अग्रवाल के बेटे ने क्या किया, उनके बेटे ने दो मासूमों की जान ले ली। आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। जानकारी सामने आ रही है कि उसका संबंध किसी बड़े गिरोह से है। उक्त घटना के लिए जितना बेटा जिम्मेदार नहीं है, उससे ज्यादा उसका पिता जिम्मेदार है।’ वंदे मातरम संगठन ने कहा कि पिता द्वारा बच्चे को कार देने के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने यह भी मांग की है कि पब रात 11 बजे के बाद नहीं खुलने चाहिए। वंदे मातरम संगठन के पदाधिकारियों ने कहा है कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
24 मई तक पुलिस हिरासत
नाबालिग आरोपी वेदांत अग्रवाल के पिता विशाल अग्रवाल को पुणे पुलिस ने जिला अदालत में पेश किया गया। उसे 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पेशी के दौरान विशाल के प्रति नागरिकों का गुस्सा साफ झलक रहा था। मृतक के माता-पिता ने सजा की मांग की।
पीड़ितों के माता-पिता की मांग
इस बीच पुणे पोर्श हादसे में मृतक के माता-पिता की मांग है कि आरोपी बच्चे के साथ-साथ उसके माता-पिता को भी जिम्मेदार ठहराया जाए और कड़ी सजा दी जाए। मध्य प्रदेश के अनीश कुर्दिया और अश्विनी कोष्टा की पुणे में मोटरसाइकिल चलाते समय कारोबारी के बेटे ने कुचल दिया था। अश्विनी मध्य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला था, जबकि अनीश राज्य के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली का रहने वाला था। दोनों इंजीनियर थे और पुणे में कामम करते थे।