शिव चालीसा (Shiv Chalisa Lyrics) एक भक्ति गीत (Bhakti Song) है जो भगवान शिव (Lord Shiv) की स्तुति और महिमा का वर्णन करता है। यह हिंदू धर्म (Hindu Religion) में अत्यधिक लोकप्रिय है और शिव भक्तों द्वारा श्रद्धा से गाया जाता है। शिव चालीसा में 40 छंद होते हैं, जिनमें भगवान शिव की विभिन्न लीलाओं, गुणों और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन किया गया है। इसे गाने से भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल मिलता है। (Shiv Chalisa Lyrics)
शिव चालीसा (Shiv Chalisa Lyrics) की शुरुआत भगवान गणेश की वंदना से होती है, फिर भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया जाता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न नाम, उनके परिवार के सदस्यों (पार्वती, गणेश और कार्तिकेय) और उनके भक्तों के प्रति उनकी कृपा का वर्णन होता है। शिव चालीसा का पाठ भक्तों को भगवान शिव के प्रति अटूट भक्ति और श्रद्धा की अनुभूति कराता है, जिससे वे जीवन की कठिनाइयों से उबरने की शक्ति पाते हैं और आध्यात्मिक प्रगति की ओर अग्रसर होते हैं। (Shiv Chalisa Lyrics)
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥
मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
शिव चालीसा (Shiv Chalisa Lyrics) का पाठ आमतौर पर सोमवार (Monday) को किया जाता है, जो शिव का विशेष दिन माना जाता है। भक्तगण इसे सुबह और शाम के समय अपने घरों में, मंदिरों में या किसी पवित्र स्थान पर गाते हैं। मान्यता है कि शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। (Shiv Chalisa Lyrics)